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November 22, 2024 1:20 pm

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राज्यसभा में खूब हुई गहमा-गहमी; किसी ने शायरी में दिया जवाब तो किसी ने तीखे हमले बोले

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मोहन द्विवेदी की खास रिपोर्ट 

दिल्ली सर्विस बिल पर राज्यसभा में गरमा गरम बहस देखने को मिली। बीजेपी सांसद राधामोहन दास अग्रवाल ने बिल का समर्थन करते हुए विपक्ष पर तीखे हमले बोले। उन्होंने कहा, ‘मैं धन्यवाद देता हूं इन लोगों को अध्यक्ष महोदय। खुल चुकी है इनकी कलई, जान चुके हैं दिल्ली के लोग। आने दीजिए लोकसभा का चुनाव। ये दो (आप और कांग्रेस) जो आपस में मिल गए हैं, हमको आत्मा की आवाज सिखाना चाहते हैं। हम भाजपा के लोग हैं। सिद्धांत से जीते हैं। आपकी तरफ अवसरवादी नहीं है। जो एक दूसरे को गाली देते हैं। कितनी शर्मिंदगी होती है कि नेहरू जी जब सोचते होंगे कि हमारे परनाती हमारी पार्टी को डुबाकर ही मानेंगे।’ भाजपा सांसद राधामोहन दास अग्रवाल की बात पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुस्कुराते हुए मेज ठोकी।

खतरा कांग्रेस पार्टी को है सावधान रहे’

बीजेपी सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा, ‘केजरीवाल ने प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, शांति भूषण समेत जितने भी लोग आए, उनकी बात नहीं मानी। सबसे पहले अन्ना हजारे की बात नहीं मानी, किरण बेदी की बात नहीं मानी। शांति भूषण की बात नहीं मानी, सबको अलग- अलग अपने स्थान पर भेज दिया। मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन बचे तो उन दोनों को जेल में भेज दिया। अब अगर कोई खतरा है तो खतरा कांग्रेस पार्टी को है कांग्रेस सावधान रहे। दोनों पार्टियां के साथ आने का सवाल है, कान्ट्रैक्ट था कि इस बिल पर समर्थन करोगे तो साथ होंगे। इसके बाद ये गठबंधन टूट जाएगा। जिस तरह से आर्टिकल 370 को खत्म करके कश्मीर की समस्या का समाधान किया, उसी तरह से अब दिल्ली की समस्या का समाधान भी हो जाएगा।

संजय राउत ने दी बीजेपी को चेतावनी

शिवसेना (उद्धव ठाकरे) सांसद संजय राउत ने बिल का विरोध करते हुए बीजेपी को चेतावनी दी की आप दिल्ली का चुनाव हार गए हैं। 2024 का चुनाव भी हारने जा रहे हैं। राउत ने कहा कि आप एक बहुत ही खतरनाक बिल लेकर आए हैं। इस बिल को दुरुस्‍त करने की जरूरत है। जो इस बिल के समर्थन में वोट करेंगे, वो भारत माता के साथ बेइमानी करेंगे। इंडिया के साथ बेईमानी करेंगे। देश का जो संघीय ढांचा है, उस पर सीधा हमला है। लोकतंत्र की हत्या है। एक चुनी हुई सरकार है, असेंबली है, लोगों ने चीफ सेक्रेटरी को वोट नहीं दिया है, एलजी को वोट नहीं दिया है। एलजी वोट मांगने नहीं जाता है। वोट केजरीवाल या कोई नेता मांगता है। आप छह बार चुनाव हार गए, दिल्ली में गिने चुने विधायक हैं। आप दिल्ली हो, महाराष्ट्र हो, तमिलनाडु हो हर जगर कब्जा करना चाहते हों। शायरी सुनाने में वह भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने शायरी के जरिए सरकार पर बहुत तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘मत पूछो कि इस दौर में क्या क्या नहीं बिका, अपने आंखों की शर्म तक आपने बेच दी।’ जब उन्होंने ये पंक्तियां कहीं, तब विपक्षी सदस्यों ने मेजे थपथपाकर उनकी हौसलाफजाई की।

दिल्‍ली सर्विस बिल को गैर-कानूनी बता चिदंबरम ने उठाया सवाल

दिल्‍ली सर्विस बिल का विरोध करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने BJD और YSRCP को निशाने पर लिया। उन्‍होंने कहा कि बीजेपी का इस बिल को समर्थन करना समझ में आता है। लेकिन, यह समझ में नहीं आता है कि क्‍यों BJD और YSRCP इस बिल का आधे-अूधरे मन से सपोर्ट कर रहे हैं। कारण है कि उन्‍हें भी पता है कि यह बिल गैर-संवैधानिक है।

यह प्रतिगामी बिल है: मनोझ झा

आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने दिल्‍ली सर्विस बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि राजधानी आज 1956 वाली नहीं है। वह तो इसे अरविंद केजरीवाल का बिल ही नहीं मानते हैं। उन्‍होंने कहा कि बीजेपी की तरह वह भी एक पॉलिटिकल रियलिटी हैं। यह प्रतिगामी बिल है। नेहरू 1956 में चाहते थे कि दिल्‍ली को पूर्ण राज्‍य का दर्जा न दिया जाए। क्‍या तब से कोई फर्क नहीं आया है? 56 की दिल्‍ली आज की नहीं है। सच तो यह है कि वह इसे अरविंद केजरीवाल या दिल्‍ली सरकार का बिल ही नहीं मानते हैं।

तंज के हथियार बनीं कविताएं और शायरी, जानें किसने क्या कहा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल यानी National Capital Territory of Delhi (Amendment) Bill 2023 को पेश किया। बिल पहले ही लोकसभा से पास हो चुका है। अगर राज्यसभा से भी ये पास हो जाता है तो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून का शक्ल लेगा।

युयुत्‍सु, महाभारत, शाह की मुस्‍कुराहट… राघव चड्ढा के भाषण में क्‍या-क्‍या था?

दिल्‍ली सर्विस बिल पर राज्‍यसभा में चर्चा के दौरान AAP सांसद राघव चड्ढा जमकर बोले। उन्‍होंने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। बिल का विरोध करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह पूरी तरह से फ्रॉड है। राघव ने याद दिलाया कि कभी बीजेपी सरकार ही दिल्‍ली को पूर्ण राज्‍य का दर्जा दिलाना चाहती थी।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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