प्रशांत झा की रिपोर्ट
पटना: मेरी नीतीश के लिए यही सलाह है कि वह बैठक में भाग लेने से दूर रहें। ऐसा लगता है कि वह उस खेमे में खुश नहीं हैं। वह उपनाम ‘इंडिया’ से नाखुश थे, लेकिन राहुल गांधी भारी पड़े। ये बयान है रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता रामदास आठवले का। पटना पहुंचे अठावले ने प्रधानमंत्री से नीतीश कुमार के अच्छे संबंधों के बाद भी जेडीयू के एनडीए से निकलने पर अफसोस जताया। अठावले ने नीतीश कुमार को अगले महीने होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में भाग नहीं लेने की सलाह दी। अठावले के इस बयान के मायने अभी निकाले जा रहे थे कि पटना में नीतीश कुमार के एक एक्शन ने सबका ध्यान खींच लिया है। ये एक ऐसा सियासी एक्शन है जिसे सियासी जानकार काफी महत्वपूर्ण बता रहे हैं।
अठावले के बयान के मायने
गैर भाजपा दलों के गठबंधन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) की मुंबई में अगले महीने बैठक होने की संभावना है। ध्यान रहे कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में आठवले के साथ नीतीश भी केंद्रीय मंत्री थे। अठावले के बयान को आप हल्के में नहीं ले सकते। उधर नीतीश कुमार के एक्शन को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते। नीतीश कुमार लगातार जेडीयू के पूर्व विधायकों और सांसदों से एक-एक कर मुलाकात कर रहे हैं। अंदर की बात मानें, तो बाहर आकर ये नेता कुछ नहीं बोल रहे हैं। किसी से कुछ कह भी रहे हैं तो इसे औपचारिक मुलाकात बता रहे हैं।
सियासी जानकार मानकर चल रहे हैं कि नीतीश कुमार इन दिनों जेडीयू नेताओं के मिजाज को टटोल रहे हैं। सवाल उठता है कि किस संदर्भ में नीतीश कुमार जेडीयू नेताओं के मन टटोल रहे हैं।
पूर्व विधायकों से हो रही मुलाकात
मुख्यमंत्री आवास पर जेडीयू के पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों के पहुंचने का दौर जारी है। नीतीश कुमार सभी नेताओं से अलग-अलग मुलाकात कर रहे हैं। सियासी जानकार तो चुटकी लेते हुए कहते हैं कि चुपचाप मिल रहे हैं जरूर कोई बात है। हालांकि ये मुलाकात जेडीयू नेताओं से आगामी चुनाव से संबंधित फीडबैक लेने का भी हो सकता है। मुख्यमंत्री जेडीयू नेताओं से लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बातचीत कर रहे हों। नीतीश कुमार जेडीयू के विधायकों, पूर्व विधायकों, सांसदों और पूर्व सांसदों के अलावा विधान पार्षदों से भी मिलते हैं। इस बीच सियासी हलकों में चर्चा है कि विधायकों और सांसदों से नीतीश के मिलने का दौर अभी दो चरण में चलेगा। इस दौरान बिहार सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी भी साथ रह रहे हैं।
सांसदों से मिल रहे नीतीश कुमार
जेडीयू के सूत्रों का कहना है कि मीडिया जिस तरह की बात सोच रहा है। वैसा कुछ नहीं है। नीतीश कुमार लगातार लोकसभा चुनाव को लेकर जेडीयू नेताओं से फीडबैक ले रहे हैं। इससे पहले तीन जून को नीतीश कुमार ने विधायकों और नेताओं से अलग-अलग मुलाकात की थी। विधायकों के अलावा सांसदों को भी उन्होंने विशेष दिशा-निर्देश दिया था। नीतीश कुमार जेडीयू नेताओं से बिहार के सभी क्षेत्रों के हालात की जानकारी लेते हैं। संसदीय क्षेत्र और विधानसभा क्षेत्र के बारे में आंकड़ा लेते हैं। नीतीश कुमार राज्य सरकार की योजनाओं और उसके प्रभाव की जानकारी लेते हैं। 2 जुलाई को नीतीश कुमार ने सांसदों से मुलाकात की थी। उसमें भी उन्होंने इसी तरह की जानकारी ली थी।
इधर, जानकार मानते हैं कि केके पाठक और चंद्रशेखर सिंह प्रकरण के बाद महागठबंधन के अंदर खींचतान है। ऊपर से ट्रांसफर पोस्टिंग में राजद कोटे के मंत्रियों की नहीं चल रही है। भूमि सुधार विभाग के ट्रांसफर को रद्द करने के बाद मामला पूरी तरह गरमा गया था। उसके बाद कैबिनेट विस्तार को लेकर भी बात नहीं बन पा रही है। नीतीश कुमार के लालू यादव से दो बार मिलने के पीछे यही कारण है कि महागठबंधन के राजद कोटे के मंत्रियों पर लगाम लगाना और नीतीश का अपनी ओर से सफाई देना।
जानकार मानते हैं कि नीतीश कुमार के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। नीतीश कुमार कांग्रेस का दबाव भी झेल रहे हैं। उसके अलावा महागठबंधन के अंदर की स्थिति भी ठीक नहीं है। वैसे में उनकी नेताओं से मुलाकात मायने रखती है।
Author: samachar
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