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November 22, 2024 10:59 am

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69 गांवों के परिवारों का बदलेगा आशियाना जहां नदियों की कहर से मिलेगी राहत

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 दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

बाराबंकी: सरयू नदी में हर साल आने वाली बाढ़ से प्रभावित होने वाले 69 गांवों के परिवारों को सुरक्षित जगह शिफ्ट करवाया जाएगा। ग्रामीणों को ऐसी जगह मकान के लिए जमीन मुहैया करवाई जाएगी, जहां नदी की धारा मुड़ने पर भी असर न पड़े। इसके लिए प्रशासन स्तर से तैयार प्रस्ताव में विस्थापित परिवारों को बसाने के लिए जमीन का पट्टा, प्रधानमंत्री आवास, शुद्ध पेयजल, पक्का मार्ग, लाइट समेत अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने की बात कही गई है।

अधिकारियों के अनुसार ऐसा करने से हर साल बाढ़ की जद में आने वाले परिवारों को आर्थिक लाभ और बचाव पर होने वाले खर्च को बचाया जा सकेगा।

नदी के किनारे और तटबंधों के बीच बसे रामनगर तहसील के छोटे-बड़े 60 गांवों के परिवारों को विस्थापित करने के लिए चिह्नित किया गया है। इस तहसील में एकमात्र खुज्जी गांव ही नदी की बायीं दिशा में है, बाकी सभी गांव दाएं सिरे पर बसे हैं। इसी तरह सिरौली गौसपुर में टेपरा-सनांवा, माझा रायपुर, परसावल, नैपुरा, तेलवारी, करोनी, कोठरी गौरिया, पारा और बेहटा के परिवारों को भी लिया गया है। ये सभी गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं। ऐसे में अगले पांच सालों के दौरान इन गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए ऐसी जगहों की तलाश चल रही है, जहां भविष्य में बाढ़ का खतरा नहीं हो।

पहले चरण में चिह्नित गांवों में सिरौली गौसपुर के परसावल और नैपुरा के 33 परिवारों को डेरेराजा गांव की सीमा में 0.264 हेक्टेअर जमीन का आवंटन कर दिया गया है। प्रत्येक परिवार को 80 वर्ग मीटर जमीन दी जाएगी। आवास के लिए धन मिलते ही विस्थापित परिवारों के लिए निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा। इसी प्रकार रामनगर तहसील के विझला, पर्वतपुर व बतनेरा के 30 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर आवास के लिए जमीन का आवंटन कर दिया गया है। ऐसे में पहले चरण में दोनों तहसील के कुल 242 परिवारों को पहले चरण में शिफ्ट किया जाएगा।

रामनगर के एसडीएम अनुराग सिंह ने बताया कि तहसील के वैसे तो 60 गांवों के सभी परिवारों को विस्थापित करने का प्लान है। पहले चरण में उधिया के 39 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करवाया जाएगा। इसके बाद फीडबैक के आधार पर आगे का काम होगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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