अरमान अली की रिपोर्ट
हाथों मे हथौड़ा, सरिये, डंडे, कुल्हाड़ी… वो 12-15 की संख्या में एक साथ आते हैं और फिर टूट पड़ते हैं अपने शिकार पर। वो तब तक उस इंसान पर हमला करते जब तक उसकी मौत न हो जाए। इनमें से एक शख्स इस कत्ल का वीडियो बनाता है और फिर इस वीडियो को वायरल किया जाता है। इसका मकसद होता है लोगों में दहशत फैलाना। हथौड़ा गैंग के नाम से मशहूर ये गैंग देश के अलग-अलग हिस्सों में एक्टिव है।
हथौड़ा गैंग से जरा बचकर!
गुड़गांव में इस गैंग के 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसी साल अप्रैल में गुड़गांव में इस गैंग ने एक ये हत्या करवाई थी। हत्या के बाद उसका वीडियो भी बनाया गया था। पुलिस ने इस मामले में 17 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से 3 गिरफ्तार हो चुके हैं। गिरफ्तार होने वालों में हथौड़ा गैंग का सरगना रोहित उर्फ अक्की भी शामिल है। इस गैंग के सरगना पर 10 हजार का इनाम घोषित था। ये कोई संगठित गैंग नहीं है, लेकिन इस तरह के गैंग कई इलाकों में बने हैं, जो हथौड़े से हमला करते हैं।
पाकिस्तान में भी थी हथौड़ा गैंग की दहशत
दरअसल हथौड़ा गैंग की एक जमाने में काफी ज्यादा दहशत, लेकिन ये गैंग भारत में नहीं पाकिस्तान में था। ये बात है 1985-1986 की पाकिस्तान के शहर कराची में रोज लोगों की हत्या की खबरें आ रही थी। ये ज्यादातर हत्याएं रेलवे स्टेशन के पास होती थी, लेकिन ऐसा जरूरी भी नहीं था। सिर्फ एक महीने में कराची में 16 लोगों की जान ले ली गई थी। जितनी भी लाशें मिल रही थी वो खून से लथपथ होती थीं, उनका सिर बुरी तरह से कुचला हुआ होता था। ऐसा लगता था कि किसी भारी चीज से वार किया गया है। कातिल काफी बेरहम था और सड़क किनारे सो रहे गरीब लोगों को निशाना बनाता था।
कराची में बेरहमी से हुईं थी कई लोगों की हत्याएं
धीरे-धीरे हत्या के मामले बढ़ते चले जा रहे थे। अब ये गैंग गावों में भी हमला करने लगा था। लोगों में दहशत पैदा हो चुकी थी। पाकिस्तान की पुलिस नहीं समझ पा रही थी कि कातिल है कौन और कैसे इससे निपटे। पहले लगा कि शायद शहर में कोई सीरियल किलर घूम रहा है। एक शख्स को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन हत्याएं नहीं रुकी। ये साफ था कि इसके पीछे कोई और था।
रात में हमला करते थे इस गैंग के लोग
पुलिस की टीम तैयार की गई कातिल को पकड़ने के लिए, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा था। इसी दौरान एक सड़क पर रहने वाले भिखारी पर इस गैंग ने हमला किया, लेकिन वो बच गया और फिर उसने इस गैंग के बारे में जानकारी दी। इस शख्स ने बताया इस गैंग के लोग रात में कार में आते हैं। इनके हाथ में हथौड़ा होता है और फिर पीछे से ये अपने शिकार पर हमला कर देते हैं। अब पुलिस के पास थोड़ा जानकारी इकट्ठा हो चुकी थी। लंबे समय तक छानबीन होती रही।
लीबिया के एक नागरिक का नाम आया था सामने
बाद में जांच में ये निकलकर आया कि ये काम लीबिया के एक नागरिक का था। दरअसल उस जमाने में पाकिस्तान के रिश्ते अमेरिका से काफी क्लोज हो गए थे और लीबिया के कट्टरपंथियों को ये बात पसंद नहीं आ रही थी और इसी का बदला लेने के लिए एक शख्स ने गैंग बनाकर लोगों की हत्या को अंजाम देना शुरू किया था। हालांकि इस बारे में साफ तौर पर कभी कुछ नहीं कहा गया, लेकिन बाद में ये हत्याएं रुक गई।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."