आनंद शर्मा की रिपोर्ट
राजस्थान के झुंझुनू शहर में रहने वाला साढे़ 3 साल का यह बच्चा अपने जीवन में इतने संघर्ष देख चुका कि अच्छे अच्छे लोग पूरे जीवन में नहीं देख पाते। 3 महीने पहले उसकी मां ने उसके सामने दम तोड़ दिया।
परिवार का पेट पालने के कारण पिता दूर मजदूरी करने लगे। बच्चे को परवरिश के लिए उसके नाना के यहां छोड़ा लेकिन नाना के यहां पर खेत में करंट आ जाने से बच्चे का जीवन ही बर्बाद हो गया। उसका सीधा हाथ काटना पड़ गया। वह अस्पताल में है और हर रिश्तेदार से यही पूछता है कि उसका यह हाथ वापस तो आ जाएगा ना, लेकिन किसी के पास बच्चे के सवाल का जवाब नहीं है। पूरा घटनाक्रम झुंझुनू जिले के गुढ़ागोढजी इलाके में स्थित असवारी गांव का है।
छोटी सी उम्र में एक ही हादसे में गवाना पड़ा हाथ
दरअसल 65 साल के रतनलाल अपने खेत पर काम कर रहे थे। इस दौरान साढ़े 3 साल का उनका दोहिता दिव्यांशु उनके साथ खेत में था। इसी दौरान उसका हाथ पास से गुजर रहे बिजली के पोल से टच हो गया। पोल में करंट फैला हुआ था, दिव्यांशु को जोर का झटका लगा और वह दूर जाकर गिरा एवं बेहोश हो गया। उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से उसे जयपुर के s.m.s. अस्पताल में रेफर कर दिया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार को उसका हाथ काटना पड़ गया। इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई।
पुलिस ने बताया कि दिव्यांशु की मां सरिता 3 महीने पहले ही उसे छोड़कर हमेशा के लिए चली गई। वह कैंसर की पेशेंट थी। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण दिव्यांशु को अपने पिता से भी दूर होना पड़ा। पिता दूसरे गांव में मजदूरी करते हैं। दिव्यांशु अपने नाना के यहां रहता है। उसकी 8 साल की एक बड़ी बहन है, वह अपने पिता के साथ रहती है ।
राजस्थान के बिजली विभाग की लापरवाही ने इस मासूम बच्चे के अब पूरे जीवन में संघर्ष लिख दिया है । नाना नाना रतन सिंह का कहना है कि दोहिता हमारे यहां रह रहा था, हमारी जिम्मेदारी थी कि उसकी परवरिश करें , लेकिन इस हादसे में सब कुछ बर्बाद कर डाला।
Author: samachar
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