ज्योति स्वरूप गौड़
मैं आपको अपनी लेखनी से महातूफान बिपरजाॅय चक्रवात की ललकार को चित्रण करने की मामूली सी कोशिश कर रहा हूँ। चक्रवात बिपरजाॅय जो अरब सागर से उठा। जिसका 15 जून को गुजरात के कच्छ सौराष्ट्र में देर रात लैंडफाल हुआ। तूफानी रफ्तार से समुद्र में हाहाकार था। ऊंची लहरों, तूफानी हवाओं, लहरों मेे उफान और समुद्र तटों पर सन्नाटा।
तूफान की आहट से गुजरात में तटीय इलाकों को खाली कराया गया। तेज हवाओं से लोगों में खौंफ था। समुद्र की लहरें उफान पर थी। बिपरजाॅय चक्रवात 150 कि0मी0 प्रति घंटा की रफतार से अरब सागर से गुजरात की ओर बढ़ रही था।
बिपरजाॅय- जिसको आपदा या विपत्ति भी कहा जाता हैं। तूफान का नाम बिपरजाॅय बांग्लादेश ने दिया। यह पांच साल में चौथा चक्रवात था। वायु का प्राकृतिक प्रहार था। इंसान को उड़ाने की क्षमता थी।
चक्रवात क्यों आते हैं
इसका मुख्य कारण पृथ्वी घूमती हैं। पश्चिम से पूर्वी, पृथ्वी के घूमने से वायुमंडल आपस में टकराते हैं। वायुमण्डल घूमता है। वायुमण्डल धरती के ऊपर समुद्र का तापमान जलवायु 30 डिग्री से बढ़कर 35 डिग्री हो जाने के कारण कुदरत का पारा हाई है। चक्रवात की वजह बनता है। समुद्र का रौद्र रूप था। समुद्र में उथल पुथल मची हुई थी। गुस्से में तूफान, आफत में जान करीब 75,000 से ज्यादा लोगो को सुरक्षित स्थानो पर भेजा गया। कितना बड़ा चक्रवाती कहर था।
70,000 से ज्यादा लोग बेघर हो गए। शेल्टर होम भेजा गया। कच्छ से कराची तक तूफान की तबाही थी। जहां लहरों का हमला था। गरजती बारिश ने सबको चैंका दिया। उफनती लहरों, बरसता आसमान तटीय सन्नाटों को देखकर सब बेहाल थे।
प्रलयंकारी तूफान दहलीज पर था। तूफानी रफ्तार, समुद्र किनारे हाहाकार बरपे रहा था। तूफानी हवाओं का कहर था, लहरों का प्रचंड विस्फोट था। बढते तापमान की वजह से अरब सागर गर्मी और गुस्से से उबल रहा था। लहरों की ललकार से खौंफनाक मंजर था। 75,000 हजार लोगों को तटीय इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। 21,000 नावों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। जर्जर इमारतों पर बुलडोजर चला दिए गए। घरों पर ताले लग गए। सड़को पर सन्नाटा छा गया। तट से 10 कि0मी0 दूर तक के इलाके खाली कराए गए।
विकराल बिपरजाॅय की आहट से 9 राज्यों में महातूफान का खतरा था। 15 जून को देर रात गुजरात के कच्छ सौराष्ट्र तट पर महातूफान का लैंडफाल हुआ। 150 कि0मी0 प्रति घंटे की रफ्तार से बंवडर गुजरात की तरफ अपनी दस्तक दे रहा था। तीनों सेनाएं अलर्ट थी। NDRF मुस्तैद थी। ट्रेने रद्द की गई। 1521 होम शेल्टर बनाए गए। 577 टीमें बिजली विभाग की मुस्तैद थी।
कुदरत की ताकत, बड़ी आफत का कहर था। गुजरात के कच्छ, सौराष्ट्र पर बिपरजाॅय का लैंडफाल हुआ। 30 फीट ऊंची लहरे थी। बिपरजाॅय आया, बंवडर लाया। रेस्क्यू के लिए 21,00 वोट तैनात थी। द्वारका कच्छ में पेड़ उखड़े, पानी में डूबी सड़के। बिजली खम्बे गिरे, 581 पेड उखड़े। 1100 गांव में बिजली गुल थी। भीषण तूफान से गुजरात सहम गया। स्कूलों की छुट्टी की गई। तूफान से भयभीत, डर के आगे जीत। हारा तूफान, जीता हिन्दुस्तान। देवदूत आडिंग, तैयारी सटीक। नया हिन्दूस्तान, आपदा को मात। ISRO की तकनीक, NDRF जवानों के शौर्य से हारा तूफान।
अन्त में प्रशासन, पत्रकार बधाई के पात्र थे। जिन्होने अपनी सेवाएं जान-जोखिम में डालकर कर्तव्य पथ के मोर्चे पर डटे रहे। ग्लोबल वार्मिंग एक वैश्विक संकट हैं। इस समस्या को विश्व स्तर पर उठाना होगा। आम जनमानस को प्रर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूक करना होगा। विश्व के सभी देशों को इस समस्या का समाधान एकजुट होकर एक मंच पर आना होगा। प्रकृति उदार हैं। रहमदिल हैं। आओ संकल्प ले। पर्यावरण संरक्षण करना होगा। तभी समूचे विश्व समुदाय का कल्याण संभव हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."