दुर्गा प्रसाद शुक्ला और टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
तो किताबी ज्ञान में ‘जिगोलो’ यानी फीमेल प्रॉस्टिट्यूट की तरह ही होता है मेल प्रॉस्टीट्यूट। कुछ साल पहले एक बॉलीवुड फिल्म की काल्पनिक पटकथा ने हकीकत में युवाओं के मन में जिगोलो बनने की हसरत जगा दी। बस, एक ही ख्याल… फुल मस्ती के साथ, करारे नोटों से पॉकेट मनी का जुगाड़। जिगोलो शब्द सुनते ही मदहोशी भरा ख्वाब आंखों में तैरने लगता है। इंटरनेट की पटकथाओं में अपुष्ट दावे हैं कि, एलीट क्लास सोसायटी में प्ले बॉय की डिमांड सबसे ज्यादा होती है। ये ऐसे सुडौल कदकाठी के लड़के होते हैं जो प्रॉस्टीट्यूट की तरह काम करते हैं। इन्हें वूमेन अपनी पसंद के मुताबिक हायर करती हैं।
जिगोलो यानी पैसे कमाने का ऐसा जरिया जिसमें पुरुष बेचते हैं अपना शरीर। महिलाएं लगाती है पुरुषों की बोलियां। बड़े-बड़े अमीर घरों की महिलाएं अपनी सेक्स नीड को पूरा करने के लिए पैसे देकर मेल प्रॉस्टिट्यूट हायर करती है और इसके लिए काफी बड़ी रकम देने को तैयार रहती है। ऐसी जरूरतों को पूरा करने के लिए कई तरह के जिगोलों क्लब काम करते हैं। अवैध तरीके से चल रहे इन जिगोलों क्लब का काम होता है युवाओं को अपने क्लब से जोड़ना और फिर उन महिलाओं तक पहुंचना जो इनके लिए बड़ी रकम देने को तैयार हैं।
प्ले बॉय या यूं कहें कि जिगोलो कल्चर भारत में है या नहीं। इसके पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। लेकिन प्ले बॉय बनाने का दावा करने की सैकड़ों उत्तेजक वेबसाइट्स, लिंक मौजूद हैं। ये इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया में धड़ल्ले से चल रहे हैं। बस, एक क्लिक और जिगोलो की अडल्ट साइट्स ओपन। आप उनके नंबरों पर कॉल करें। वो आपको प्ले बॉय बनने का तुरंत ‘सहयोग और समाधान’ भी देंगे। पूरा प्रोसेस ऐसे समझाएंगे कि आपके शरीर में मानो करंट दौड़ पड़ा हो। इनके शिकार सैकड़ों बनते हैं मगर शर्म और संकोच की वजह से कुछ ही शिकायतें पुलिस तक पहुंचती हैं। फिर भी पुलिस के पास अनेकों शिकायतें हैं।
सोशल मीडिया में डिजिटल जाल बिछाए ठग प्ले बॉय बनने पर 20 से 25 हजार कमवाने का दावा करते हैं। एड के आखिर में कांटेक्ट नंबर दिए होते हैं। ये नंबर ही आपकी उत्तेजना को जेब से ढीली कर देते हैं। इन नंबरों पर बात करने के लिए ट्रेंड फीमेल होती हैं। कॉल करने पर आपको दूसरी ओर से बेहद सुरीली और इंगलिश मिक्स लैंग्वेज किसी लड़की की सुनाई देगी। पहली कॉल पर ही ऐसा लगेगा मानो आप अब प्लेबॉय बन चुके हैं। बस यहीं से जाल में फंसना शुरू हो जाता है।
IFSO के डीसीपी प्रशांत गौतम का कहना है कि सोशल मीडिया में जहां भी, जिस प्लेटफॉर्म पर भी क्विक मनी कमाने का दावा किया जाता है, वह फेक है। ऐसे लिंक, वेबसाइट्स से सावधान रहें। जाने अनजाने ऐसे साइबर अपराध का युवा शिकार हो रहे हैं। खासकर जॉब सर्च कर रहे युवा ऐसे लुभावने मैसेज के ट्रैप में फंस सकते हैं। शर्म, संकोच की वजह से पुलिस कंप्लेंट भी नहीं करते। यही वजह है कि बेधड़क ऐसे गैंग सक्रिय हैं। ऐसे मामलों में ब्लैकमेलिंग या अनहोनी घटना के खतरे भी हैं। अपनी समझदारी, होशियारी से ही ऐसे अपराधों से बचा जा सकता है।
बीते दिनों दिल्ली पुलिसकर्मी के एक बेटे को वट्सऐप पर आए मैसेज के बाद जिगोलो बनने का शौक चढ़ा। ठगों ने अपने जाल में फंसा लिया। हाईप्रोफाइल महिलाओं को मेल एस्कॉर्ट सर्विस देने के हसीन सपने पूरे करने के चक्कर में 48 हजार गवां बैठा। हालांकि नॉर्थ वेस्ट जिले की साइबर सेल ने केस दर्ज कर गैंग का पर्दाफाश कर दिया।
कुछ इसी तरह जनकपुरी में 32 साल के नौजवान को प्ले बॉय बनने का ऐसा चस्का चढ़ा कि ‘जॉइन जिगोलो क्लब’ नाम के लिंक पर क्लिक कर दिया। मेंबरशिप मिली। बारकोड रजिस्ट्रेशन दिया। फिर जनकपुरी के एक होटल में मीटिंग फिक्स हुई। कथित लेडी कस्टमर की तरफ से ‘वाइन कंडोम’ की फरमाइश की गई। उस कंडोम की वैरायटी का नाम सुनकर युवक चकरा गया। दिल्ली के अधिकतर बड़े मेडिकल स्टोर छान मारे। मगर उस ब्रांड का कंडोम नहीं मिला। जहां से मेंबरशिप ली। वहीं से कंडोम अरेंज कराने का ऑफर दिया गया। बदले में इसके भी पैसे ले लिए। लेकिन अंत में हजारों रुपए गवां चुका था। हाथ कुछ नहीं आया।
इसी साल फरवरी में दिल्ली पुलिस ने प्ले बॉय के नाम पर देश के 4000 से अधिक युवाओं को ठगी का शिकार बनाने वाले गैंग को पकड़ा। ये गैंग उन लोगों को शिकार बनाते जो ऑन लाइन जॉब सर्च कर रहे होते।
अप्रैल २०२३ में नोएडा से पुलिस ने केतन अरोड़ा और चिराग नाम के 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। गाजियाबाद के रहने वाले ये दोनों लड़के फ्रेंडशिप क्लब के नाम से सोशल साइट पर अकाउंट बनाते थे और फिर जिगोलों बनाने के नाम पर लड़कों से पैसे ऐंठेते थे। कई बेरोजगार लड़के इनके झांसे में आ गए थे। पुलिस को इनके पास कई मोबाइल सेट, फर्जी अकाउंट और ऐसी चैट मिली जिससे ये साफ हुआ कि कई लड़कों को ठगी का शिकार बना चुके हैं।
जयपुर में भी ऑनलाइन जिगोलो फ्रॉड सामने आया था
इसी तरह फरवरी में जयपुर में भी राजस्थान के ही रहने वाले 2 लड़कों कुलदीप सिंह चरण और श्यामलाल को गिरफ्तार किया गया। ये साल 2018 से जिगोलो सर्विस और एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर लोगों को चूना लगा रहे थे। पुलिस ने बताया कि पिछले पांच साल में हजारों लड़कों को अपने जाल में फंसा चुके थे। ये उन लड़कों से रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसा इकट्ठा करते और फिर अपना नंबर बदल लेते। यहां तक कि कई बार एनआरआई महिला बनकर भी जिगोलों की नौकरी ढूढ रहे लड़कों को फंसाने की कोशिश करते।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."