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November 23, 2024 10:07 am

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एक दो नहीं तीन ट्रेनें कैसे टकराई ? उजड़े सैकड़ों परिवार, बालासोर में लाशों का अंबार

18 पाठकों ने अब तक पढा

मन्नू भाई गुजराती की रिपोर्ट 

ओडिशा के बालासोर जिला में शुक्रवार की शाम तीन ट्रेनों की भिड़ंत से हुए भीषण हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई और 803 यात्री घायल हो गए। इस हादसे में 56 यात्री गंभीर रूप से घायल हैं और 747 यात्री जख्मी हुए हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सैन्य हेलिकॉप्टर से ओडिशा में बालासोर जिला के घटनास्थल पहुंचे और उन्होंने राहत कार्यों की समीक्षा की। उनके साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी थे। 

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार श्री मोदी ने मौके पर स्थानीय अधिकारियों, आपदा राहत बलों के कर्मियों और रेलवे अधिकारियों के साथ बातचीत की। उन्होंने इस भीषण त्रासदी से निपटने और इसकी पीड़ा कम करने के लिए पूरे सरकारी तंत्र में पूर्ण तालमेल का दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया। 

रेल मंत्री वैष्णव ने दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस हादसे में मारे गए लोगों के दुख में राज्य में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। 

इसी बीच रेलवे के सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि गाडिय़ों के बीच टक्कर रोकने वाला कवच सिस्टम इस रूट पर मौजूद नहीं था। वहीं खबर है कि सिग्नल फेल होना भी हादसे की वजह हो सकता है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि दुर्घटना स्थल पर बचाव एवं राहत कार्य पूरा कर लिया गया है। पटरियों की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है। मौके से क्षतिग्रस्त कोच हटाने का काम भी प्रारंभ हो गया है। 

रेल मंत्री ने दुर्घटनास्थल पर एकत्र हुए लोगों से अपील की कि पटरी से दूर रहें ताकि मरम्मत कार्य शुरू किया जा सके। इससे रेलवे अधिकारियों को रेल सेवा सुचारू रूप से बहाल करने में मदद मिलेगी।

हादसे की वजह से कई ट्रेनें शनिवार को कैंसिल हो गर्ईं, जबकि कई के समय में बदलाव किया गया। इस ट्रेन हादसे के बाद इस रूट से गुजरने वाली 92 और दूसरी ट्रेनों पर असर पड़ा है। नतीजतन 43 ट्रेन रद्द की कर दी गईं, वहीं 38 ट्रेनों के रूट बदले गए हैं, जबकि नौ ट्रेन टर्मिनेशन की गई है। इसके अलावा एक ट्रेन रिशिड्यूल की गई। उधर दर्दनाक रेल हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं। 

विपक्ष के नेता सैकड़ों यात्रियों की मौते के लिए अश्निनी वैष्णव को जिम्मेदार मानते हुए उनसे इस्तीफा की मांग कर रहे हैं। वहीं रेल मंत्री ने इस्तीफे के सवाल पर जवाब दिया है।

उन्होंने मीडिया से कहा कि ये समय राजनीति करने का नहीं है। अभी राहत पहुंचाने का वक्त है। हमारा सारा फोकस रेस्क्यू पर है। पूरी ताकत के साथ काम कर रहे हैं। मैं कहीं नहीं जा रहा हूं, मैं यहीं हूं। देश ही नहीं विदेशी राष्ट्र प्रमुखों ने भी इस दर्दनाक रेल हादसे पर दुख जताते हुए अपनी संवदेनाएं व्यक्त की हैं। 

ओडिशा ट्रेन हादसे पर दुनियाभर के राष्ट्र अध्यक्षों ने शोक जताया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने दुख जताया है और लोगों के जल्द ठीक होने की कामना की है। वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई लोगों से इस मुश्किल वक्त में भारतीयों का साथ देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ओडिशा से आ रही हादसे की तस्वीरें दिल तोडऩे वाली हैं। मेरी दुआएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने हादसे में अपने परिजन को गंवाया है। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली के चीफ साबा कोरोसी, ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन, भारत में अमरीका के राजदूत एरिक ग्रासिटी, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग व श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी संग कई नेताओं ने शोक जताया है।

ऐसे हुआ था हादसा

हादसा शुक्रवार शाम सात बजे भुवनेश्वर से 175 किमी दूर बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास हुआ। बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। 128 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन की बजाए लूपलाइन में घुस गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। कुछ देर बाद तीसरे ट्रैक पर आ रही हावड़ा-बंगलुरु दुरंतो ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी।

ओडिशा के बालासोर में हुई तीन ट्रेनों की टक्कर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। इसके बाद वह अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना और उनसे बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरे देश की संवेदना इस वक्त उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपनो को खोया है। इस सरकार की प्राथमिकता यही है कि ज्यादा से ज्यादा रेस्क्यू कैसे हो। अस्पताल में मरीज हैं, उनकी चिकित्सा कैसे की जाए, ट्रैक को नार्मल कैसे किया जाए। पीएम मोदी ने कहा कि अनेक राज्यों के यात्री इस यात्रा में कुछ न कुछ गंवाया है। यह बहुत बड़ा दर्दनाक मन को विचलित करने वाला हादसा है, जो लोग घायल हुए हैं उनके लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। सरकार के लिए यह मुद्दा गंभीर है। इसकी जांच की जाएगी, जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बक्शा नहीं जाएगा।

पीएम ने कैबिनेट सचिव और स्वास्थ्य मंत्री को घुमाया फोन

इस दौरान पीएम मोदी मोबाइल फोन पर किसी से बात करते नजर आए। बताया जा रहा है कि पीएम ने घटनास्थल से ही कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से सीधे बात की। पीएम मोदी ने अधिकारियों से लोगों के अच्छे इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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