अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ। सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बोल एक बार फिर बिगड़े हैं। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने जहर उगला है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने सेंगोल की स्थापना और पूजा में दक्षिण भारत के ब्राह्मणों को बुलाए जाने के खिलाफ ट्विटर पर बयान दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने नए संसद भवन और सेंगोल की पूजा-अर्चना कराने वाले ब्राह्मणों को कट्टरपंथी बताया है। स्वामी प्रसाद ने ताजा बयान में बीजेपी पर दूषित मानसिकता और घृणा वाली सोच रखने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने सेंगोल स्थापना के जरिए ब्राह्मणवाद स्थापित करने की विवादित बात भी कही है।
स्वामी प्रसाद मौर्य पहले बीजेपी के साथ थे। पिछले साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इससे पहले रामचरितमानस के बारे में अनाप-शनाप बयान दिया था। उन्होंने हिंदुओं के लिए पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस को महिला और दलित विरोधी बताया था। स्वामी प्रसाद के इस बयान के बाद लखनऊ में ओबीसी संगठन के कुछ लोगों ने रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाई थीं। इसके बाद भी स्वामी प्रसाद लगातार रामचरितमानस के बारे में बयानबाजी करते रहे। इस मामले में उनपर कोर्ट में केस भी हुआ है।
स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बीजेपी की सांसद हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी में आने से पहले बीएसपी में थे। तब वो मायावती के काफी करीबी नेताओं में गिने जाते थे। मायावती का दामन छोड़ते वक्त स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया था कि टिकट देने के लिए बीएसपी सुप्रीमो ने उनसे बड़ी रकम की मांग की। वहीं, बीजेपी छोड़ने पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया था कि ये पार्टी दलितों और पिछड़ों के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा था कि यूपी से बीजेपी की सरकार हटाकर रहेंगे, लेकिन उनका ये दावा फुस्स हो गया और यूपी में बीजेपी ने फिर सरकार बना ली।
Author: samachar
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