सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
यह बात सच है कि जब हम सीरियल किलर के बारे में सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में एक खूंखार और डरावना चेहरा उभरता है। हालांकि, अमरजीत साड़ा की कहानी इस धारणा को चुनौती देती है। अमरजीत को दुनिया का सबसे कम उम्र का सीरियल किलर माना जाता है, लेकिन उसकी दिखावटी सूरत या खौफनाक रूप से दिखने की बजाय, वह एक बच्चे के रूप में था।
अमरजीत साड़ा बिहार के मुंगेर जिले के निवासी थे। उन्होंने केवल 8 साल की आयु में तीन गंभीर हत्याओं कर दी थीं। इनमें दो हत्याएं उनके परिवार के सदस्यों की थीं, जिनमें एक की उम्र 6 साल थी और दूसरी उसकी खुद की 8 महीने की बहन थी। उसके अलावा, वह अपनी पड़ोसी की 6 महीने की बेटी की भी हत्या कर चुका था।
जब पुलिस ने अमरजीत को गिरफ्तार किया और पूछताछ की, तो उसने चौंकाने वाले खुलासे किए थे। उसने बताया कि उसे हत्याओं के समय मजा आता था, और वह खुशी महसूस करता था जब वह लोग मरते थे।
अमरजीत साडा का बचपन बहुत ही असामान्य रहा है। उसका जन्म 1998 में बिहार के मुंगेर जिले के एक गांव में हुआ था। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही बुरी थी और उन्हें गरीबी का सामना करना पड़ रहा था। उसके माता-पिता गंभीर बीमारी से पीड़ित थे और अमरजीत की देखभाल नहीं कर सकते थे। इसलिए उसे 6 महीने की उम्र में ही अपने चाचा-चाची के पास भेज दिया गया।
चाचा-चाची ने अमरजीत को एक बाल गृह में रखा, जहां वे और अन्य गरीब बच्चे रहते थे और उनकी देखभाल की जाती थी। अमरजीत इस बाल गृह में रहते समय वहां के अन्य बच्चों के साथ रहा और अच्छे संगठन का हिस्सा बना।
18 साल की उम्र तक बच्चे को मुंगेर में एक बाल गृह में रखा गया था
पुलिस की जांच में पता चला था कि जिस वक्त अमरजीत साड़ा को गिरफ्तार किया था तो उसके चेहरे पर कोई सिकन नहीं थी। वह मुस्कुरा रहा था, यानि उसे तीन मर्डर करने और पुलिस की गिरफ्तारी से कोई पछतावा नहीं था। बताया जाता है कि बच्चे के परिवार के लोगों को पता था कि उसने हत्याएं की हैं। लेकिन उनकी शिकायत पुलिस से नहीं की। क्योंकि मामला परिवार का ही था। पुलिस ने बताया था कि सभी हत्याओं का तरीका एक समान था। बता दें कि भारतीय कानून के हिसाब से अगर कोई हत्या करता है तो उसको भी मौत की सजा मिलती है। लेकिन अमरजीत उस दौरान छोटा था। जिसे 18 साल की उम्र तक बिहार के मुंगेर शहर में एक बाल गृह में रखा गया था। बताया जाता है कि अमरजीत को सजा पूरी होने पर 2016 में रिहा कर दिया गया था। फिलहाल वह अभी कहां है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."