इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया। जिले के नगर निकायों में निर्वाचित अध्यक्षों को बोर्ड में बहुमत नहीं मिलने की स्थिति देखने में है। यह एक ऐसा स्थान है जहां निर्दलियों की संख्या अधिक है, जिसके कारण नगरपालिका बोर्ड में प्रस्ताव पारित कराने में कठिनाई हो सकती है। इस तरह की स्थिति कई जगहों पर देखी जा सकती है, जहां अध्यक्ष और सभासदों के बीच संख्या में असमानता होती है।
देवरिया नगर पालिका में भाजपा के अध्यक्ष का निर्वाचन हो चुका है, लेकिन बोर्ड में निर्दलियों की संख्या अधिक है। इसके फलस्वरूप, नगर पालिका बोर्ड में निर्दलियों के लिए किसी भी प्रस्ताव को पारित कराना मुश्किल हो सकता है। वैसे ही, बरहज नगर पालिका में बसपा के अध्यक्ष का चयन हुआ है, लेकिन बसपा के सभी सदस्यों ने चुनाव नहीं जीता है। यह स्थिति नगर पंचायतों के लिए भी लागू हो सकती है, जहां संख्या में असमानता होती है।
देवरिया नगर पालिका में निर्दलीय सभासदों की संख्या सर्वाधिक
देवरिया जिले में नगर पालिका और नगर पंचायतों में बहुमत की मांग करने के लिए अध्यक्ष को कम से कम तिहाई सदस्यों का समर्थन होना चाहिए। देवरिया नगर पालिका में इसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक सदस्य संख्या 17 होनी चाहिए, लेकिन वर्तमान में भाजपा के केवल 14 सदस्य ही चुनाव जीत पाए हैं। इस तरह की स्थिति में अध्यक्ष के पास कार्रवाई करने के लिए मंजूरी नहीं हो सकती है।
यदि अध्यक्ष नगर पालिका बोर्ड में प्रस्ताव पारित कराना चाहते हैं, तो वे विभाजित मत देने के बारे में विचार कर सकते हैं। इसके लिए वे अन्य पार्टियों या निर्दलियों के समर्थन की खोज कर सकते हैं ताकि उनके पास बहुमत हो सके और वे अपनी पहली प्राथमिकताओं को पूरा कर सकें।
इसके अलावा, अध्यक्ष और बोर्ड के सदस्यों के बीच वार्ता करने का प्रयास करना भी एक विकल्प हो सकता है। सदस्यों के बीच समझौते पर विचार करें और उन्हें बोर्ड के लिए प्रस्ताव पारित कराने के लिए सामर्थ्य प्राप्त करें।
बरहज में अध्यक्ष बसपा का मगर सभासद एक भी नहीं
बरहज नगर पालिका में बहुजन समाज पार्टी की श्वेता जायसवाल अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। यह सामरिक गठबंधनों और निर्दलीय सदस्यों के समर्थन के आधार पर जीत है।
स्थिति के मुताबिक, यदि अध्यक्ष बोर्ड में प्रस्ताव पारित कराना चाहते हैं तो आपको निर्दलीय सदस्यों का समर्थन प्राप्त करना होगा। आपको अपने दल को मजबूत करने और निर्दलीय सदस्यों को अपने पाले में लाने के लिए काम करना चाहिए। यह आपको बहुमत में आने के लिए मदद करेगा और आपको बोर्ड में प्रस्ताव पारित कराने की संभावना बढ़ाएगा।
नगर पंचायत बोर्ड में भी निर्दलीयों का है दबदबा
निर्दलीय सदस्यों की संख्या अधिक होने के कारण नगर पंचायतों में उनका दबदबा हो सकता है और इससे पार्टी के अध्यक्ष को उन्हें सहेजना मुश्किल हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, विकास से संबंधित योजनाओं में परेशानियां हो सकती हैं।
इस मामले में एक संघर्षपूर्ण परिस्थिति के साथ सामरिक गठबंधनों और निर्दलीय सदस्यों के समर्थन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता हो सकती है। अपने दल को मजबूत करने, निर्दलीय सदस्यों को अपने साथ लाने और उनका समर्थन प्राप्त करने के लिए काम करना होगा। इसके लिए उनके मसलों का समर्थन करने के लिए उनकी जरूरतों को समझना चाहिए और उन्हें संपर्क स्थापित होगा।
Author: samachar
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