दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस के पास एक फोन आता है। एक पति-पत्नी बताते है कि दिल्ली की फेमस डॉक्टर हेमलता गुप्ता का उनके घर पर किसी ने कत्ल कर दिया है। हेमलता गुप्ता दिल्ली के बड़े डॉक्टर्स में शुमार होती थीं। लेडी हॉर्डिंग मेडिकल कॉलेज की हेड ऑफ द डिपार्टमेंट रह चुकी थीं। मेडिकल जगत उनके बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें साल 1998 में पद्मश्री अवार्ड भी मिला था, लेकिन वो दिन बेहद भयानक था जब डॉक्टर के घर पर ही उनका कत्ल कर दिया गया।
दिल्ली की डॉक्टर की अनसुलझी मर्डर मिस्ट्री
13 मई 2006: प्रसाद नगर, दिल्ली
यहां पर डॉक्टर हेमलता अकेले अपनी बड़ी कोठी में रहती थीं और वहां उनका क्लीनिक भी था। उस दिन करीब दोपहर 12 बजे एक पति-पत्नी उनके क्लीनिक पर उन्हें दिखाने आए। उन्होंने करीब आधे घंटे तक गेट पर इंतजार किया, लेकिन जब किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो वो अंदर डॉक्टर हेमलता के ऑफिस में पहुंचे। ऑफिस का नजारा देखकर वो सन्न रह गए। फर्श पर डॉक्टर हेमलता की लाश पड़ी हुई थी। उनके हाथ बंधे हुए थे, मुंह में टेप चिपका दी गई थी और उनका गला चीर दिया गया था। इस कपल ने तुरंत पुलिस को खबर दी।
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से हुईं थीं रिटायर
डॉक्टर हेमलता लेडी हार्डिंग से डायरेक्टर पद से रिटायर हुईं थीं। अपने पिता और बहन की मौत के बाद वो इस घर में काफी सालों से अकेली ही रह रहीं थीं। इस कत्ल की खबर ने दिल्ली में पूरे मेडिकल जगत में हड़कंप मचा दिया था। ये दिल्ली का हाईप्रोफाइल मामला था। पुलिस पर इस केस को जल्द से जल्द सॉल्व करने का दबाव था तो बस तुरंत जांच शुरू हुई।
हत्यारे को थी किसी खास चीज की तलाश
कत्ल के बाद जब पुलिस हेमलता के घर पहुंची तो घर का सामान बिखरा हुआ था। दो सूटकेस खुले पड़े थे। ऐसा लग रहा था कि लूट के मकसद से कत्ल किया गया हो, लेकिन ऐसा नहीं था। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि घर पर सारा कीमती सामान वैसे का वैसे ही पड़ा था। यहां तक कि हेमलाता ने सोने के जो कंगन पहने थे वो भी वैसे के वैसे वहीं थे। ये साफ था कि चोरी मकसद नहीं था। हां ये जरूर था कि हत्यारे को किसी खास चीज की तलाश थी और इसलिए घर का सामान इधर-उधर फेंका गया था।
हत्या के पहले दिन लेकर आईं थीं 2 बोतल कोल्डड्रिंक
पुलिस ने छानबीन शुरू की। इस पूरे केस में कई एंगल सामने आ रहे थे। इस मर्डर के एक दिन पहले हेमलता दोपहर में मार्केट गईं थीं और दुकान से 2 बोतल कोल्डड्रिंक की लेकर आईं थीं। पुलिस के लिए ये सबसे बड़ा सवाल था कि ये कोल्ड ड्रिंक किसके लिए लाई गई। कौन कत्ल के एक दिन पहले डॉक्टर से मिलने आया था। डॉक्टर हेमलता काफी अमीर थीं, लेकिन उनकी वसीयत किसी के नाम पर नहीं लिखी गई थी। पुलिस ये भी जानना चाह रही थी कि उनकी मौत से किसको फायदा होगा। हेमलता के रिश्तेदारों से पूछताछ हुई।
अखबार में डाला गया था डॉक्टर की शादी का विज्ञापन
इसके अलावा शक एक टीवी रिपेयर करने वाले पर भी गया जो दिन पहले ही हेमलता के घर आया था। पुलिस ने उससे भी पूछताछ की, लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लग पाया। ऐसे ही हेमलता के नौकरों से, उनके पुराने ऑफिस के लोगों से भी पुलिस ने सच जानना चाहा, लेकिन हर तरफ से नाकामी ही मिली। इसी बीच पुलिस को पता चला कि हेमलता के नाम से अखबार में एक शादी एक विज्ञापन डाला गया है। ये एक बड़ा एंगल था। लेडी हार्डिंग से रिटायर्ड डॉक्टर का शादी का एड आखिर किसने डाला था। पुलिस की जांच मैट्रिमोनियल साइट्स की मुड़ी। उसमें काम करने वाले कई लोगों से पूछताछ हुई। यहां तक की नार्को टेस्ट भी हुए, बावजूद इसके मर्डर से संबंधित कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
केस में 50 से ज्यादा लोगों से हुई पूछताछ
पुलिस के हाथ बस निराशा ही लग रही थी। दिल्ली का हाई प्रोफाइल केस सुलझता नजर नहीं आ रहा था। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि हेमलता की एक प्रॉपर्टी वसंत कुंज में भी थी। आसपास के कई प्रॉपर्टी डीलर्स से भी पूछताछ हुई, लेकिन फिर भी मर्डर केस में कुछ भी निकलकर नहीं आया। 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हो चुकी थी, लेकिन एक भी सुराग नहीं मिल रहे थे। केस अनसुलझी गुत्थी की तरफ बढ़ता जा रहा था।
हेमलता की प्रॉपर्टी पर हुआ था अवैध कब्जा
करीब 6 साल बाद साल 2012 में पुलिस को पता चला कि हेमलता के मकान पर एक पति-पत्नी अपना कब्जा जमा रहे हैं। ये पति-पत्नी उस फ्लैट के अंदर अपना काम करवाने लगे थे। ये फ्लैट हेमलता ने साल 1991 में खरीदा था और तब से बंद ही पड़ा था। अब ऐसा लगा कि शायद इस कपल का मर्डर केस से सीधा संबंध होगा। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया। पता चला कि इस कपल ने धोखाधड़ी से पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए ये घर किसी और को बेच दिया था। घर काफी समय से बंद था इसलिए इस पति-पत्नी ने फर्जीवाड़ा किया था, लेकिन हैरानी की बात ये थी कि इस कपल का हेमलता का मर्डर कोई लेना-देना नहीं था। इन पर प्रॉपर्टी हथियाने और धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ, लेकिन डॉक्टर हेमलता मर्डर केस इतने सालों बाद भी अनसुलझा ही रहा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."