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29 December 2024 3:56 am

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स्वावलंबी भारत अभियान की 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला एवं योजना बैठक “भारत बने उद्यमियों का देश” देवरिया मे हुई संपन्न

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राकेश तिवारी की रिपोर्ट

देवरिया। स्वावलंबी भारत अभियान की राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन जनपद देवरिया के ग्राम बरपार में स्थित जागृति उद्यम केंद्र – पूर्वांचल में हुआ। कार्यशाला में देशभर से आए स्वावलंबी भारत अभियान की राष्ट्रीय समिति के सदस्यों ने राष्ट्रीय स्तर पर उद्यमिता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मंथन किया और भविष्य की कार्ययोजना बनाई। इस दौरान सभी स्थानीय उद्यमियों से मुलाकात की।

कार्यशाला के दौरान बताया गया कि पूर्वांचल में एसबीए और जागृति मिलकर कार्य करेगी ताकि यहां उद्यमिता की गति को तीव्र किया जा सके।

विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने कार्यों से अवगत कराया। कार्यक्रम में देश भर के अलग-अलग संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने संगठनों के कार्यों ने सबको अवगत कराया।

स्वावलंबन से राष्ट्र निर्माण करना है – सतीश 

कार्यक्रम में सतीश ने कहा कि हम सबको मिलकर खुद भी स्वावलंबन से राष्ट्र निर्माण करना है और दूसरों को भी प्रेरित करना है। हमने विश्व को वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया और पूरे विश्व को परिवार माना ताकि सब एक साथ मिलकर काम कर सकें, लेकिन अंग्रेजों ने भारत को व्यापार माना।

आने वाले 25 वर्षों में करना होगा देश निर्माण – शशांक मणि

कार्यशाला में अपने वक्तव्य के दौरान शशांक मणि ने कहा कि भारत अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। यही सही समय है जब उद्यमिता से देश निर्माण किया जाए। जिसके लिए हर वर्ग को आगे आना होगा और प्रयास करना होगा। याद रखिए यदि आप आगे बढ़ेंगे तो देश आगे बढ़ेगा। उद्यमिता एक विचारधारा है जिसे हर भारतीय को अपनाना चाहिए। इस दिशा में माननीय प्रधानमंत्री जी ने पहल की जिसके परिणामस्वरूप भारत विश्व में आज स्टार्ट के लिए तीसरी श्रेणी में आता है। इसी दिशा में जागृति उद्यम केंद्र – पूर्वांचल काम कर रहा है और अब तक 100 से ज्यादा उद्यमी बनाए हैं जिन्होंने लगभग 2000 स्थानीय रोजगार पैदा किए हैं।

2 दिनों तक गांव का लिया अनुभव

कार्यशाला का स्थल ग्राम बरपार में स्थित जागृति उद्यम केंद्र रहा। देश भर से आए सदस्य और संगठनों के प्रतिनिधि गांव में ही रुके और ग्रामीण परिवेश में ही रहे। कार्यशाला में भाग लेने आए सदस्यों ने कहा कि असली भारत गांव में ही बसता है और हमें हमारी जड़ों को दोबारा मजबूत करने की जरूरत है। इस तरह के आयोजन गांव में होना सराहनीय है।

स्थानीय कलाकारों ने पूर्वांचल की एक और क्रांति नाटक का किया मंचन

कार्यशाला के प्रथम दिवस देवरिया के स्थानीय कलाकारों ने पूर्वांचल के वीर सपूतों पर आधारित नाटक “पूर्वांचल की एक और क्रांति” का मंचन किया। जिसे डेविड और करन त्रिपाठी ने निर्देशित किया । कलाकारों ने नाटक के माध्यम से बताया कि जब-जब समय आया है तब-तब पूर्वांचल से क्रांति हुई है। आजादी के लिए शहीद मंगल पांडेय, रानी लक्ष्मी बाई, शहीद रामचंद्र विद्यार्थी और पैना गांव के योगदान को नाटक के माध्यम से बताया गया। जिसमें रजनीश, करन, प्रदीप, अमीषा और शेखर ने अभिनय किया ।

भविष्य की कार्ययोजना बनी

कार्यशाला के दूसरे दिन सभी सदस्यों ने भविष्य के क्रियाकलापों पर चर्चा की और भविष्य का रोडमैप तैयार किया। जिसमें इस विषय पर सहमती बनी की आने वाले वर्षों में विभिन्न संगठनों के माध्यम से उद्यमिता के प्रति वृहत स्तर पर जागरूकता फैलाई जाएगी।

यह सदस्य हुए शामिल

कार्यक्रम में विशेष रूप से अखिल भारतीय संगठक स्वदेशी जागरण मंच कश्मीरी लाल, अखिल भारतीय समन्वयक स्वदेशी जागरण मंच भगवती प्रसाद, अखिल भारतीय सह संगठक स्वदेशी जागरण मंच सतीश जी, सुंदरम जी, क्षेत्रिय सेवा प्रमुख पूर्वी उत्तर-प्रदेश राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नवल किशोर जी और देवरिया लोकसभा सांसद डॉ. रमापति राम त्रिपाठी शामिल रहे।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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