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23 February 2025 2:22 pm

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बेगम शाइस्ता को माफिया कहें या नहीं ? जुर्म की दुनिया में माफिया शब्द के मायने …

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

पहले वो उत्तर प्रदेश के माफिया की बेगम के नाम से जानी जाती थी, लेकिन अब इस बेगम ने बना ली है अपनी अलग पहचान। शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) माफिया की बेगम से खुद माफिया में तब्दील हुई तो उत्तर प्रदेश में छिड़ गई एक नई जंग। जंग बेगम को माफिया न बताने की। जंग अतीक अहमद (Atique Ahmed) की पत्नी को माफियागिरी के इल्जाम से अलग करने की, लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों शाइस्ता को माफिया (Mafia) कहा गया। क्या होते हैं माफिया?

शाइस्ता परवीन की माफियागिरी पर बहस!

2 मई को पुलिस ने शाइस्ता परवीन के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी। दरअसल उत्तर प्रदेश पुलिस ने अतीक और शाइस्ता के बेटे असद के दोस्त आतिन जफर के घर छापेमारी की थी। आतिन ने पुलिस को बताया था कि अतीक की हत्या के बाद उस रात शाइस्ता उसके घर आई थी। उस रात शाइस्ता परवीन के साथ एक शूटर साबिर भी था। बस इसी घटना के बाद यूपी पुलिस ने शाइस्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इस एफआईआर में शाइस्ता के नाम के साथ पहली बार माफिया शब्द जोड़ा गया। अब तक शाइस्ता को माफिया की पत्नी कहकर ही बुलाया जाता था।

क्या माफिया नहीं है अतीक अहमद की बेगम?

शाइस्ता माफिया करार हुई तो समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को ये बात नागवार गुजरी। अब खुलेआम अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav) ने इसका विरोध शुरू कर दिया। अखिलेश का कहना है कि शाइस्ता को माफिया बताना गलत है। शाइस्ता के बचाव में अखिलेश आ गए तो फिर राज्य में चर्चा छिड़ गई क्यों शाइस्ता को माफिया न कहा जाए।

क्या हैं ये माफिया और माफियागिरी शब्द

शाइस्ता को माफिया कहना चाहिए या नहीं ये तय करने के लिए हमें समझना होगा आखिर ये शब्द माफिया क्या है। जुर्म की दुनिया में माफिया शब्द हम सालों से सुनते आ रहे हैं। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को तो माफिया बर्दर्स के नाम से ही जाना जाता था, लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि शब्द हिंदी नहीं इटालियन है। इसका मतलब होता है संगठित और सुनियोजित तरीके से अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाला। अगर कोई गैंग बनाकर पूरे संगठित तरीके से किसी जुर्म जैसे हत्या, तस्करी, लूटपाट, को करता है तो उसे माफिया कहा जा सकता है।

शूटर के साथ आतिन के घर आई थी शाइस्ता

अब वापस लौटते हैं शाइस्ता पर। शाइस्ता परवीन पिछले 78 दिन से फरार है। उमेश पाल हत्याकांड में वो आरोपी है। उत्तर प्रदेश पुलिस को कई ऐसे वीडियो हाथ लगे हैं जिनमें शाइस्ता अपने गैंग को लीड करती नजर आ रही है। अतीक अहमद की कई प्रॉपर्टी को भी वो पिछले कुछ समय में अपने नाम करवा चुकी है। यहां तक की वो अपने साथ हर वक्त एक शूटर भी रखती है। उस दिन 16 अप्रैल की रात शूटर साबिर शाइस्ता के साथ था। आतिन के घर पर आगे की प्लानिंग तय की गई थी। यूपी पुलिस ने बस इन्ही सब आधार पर शाइस्ता को माफिया करार दे दिया।

माफिया के लिए नहीं है कोई अलग कानून!

माफिया या माफियागिरी शब्द के लिए कानून में कोई अलग से प्रावधान नहीं है। ये जुर्म के नेचर पर डिपेंट करता है कि उस पर कौन सी धाराएं लगेंगी। माफिया शब्द पर शुरू हुई ये बहस का कोई अंत भी नहीं। राजनैतिक पार्टी पक्ष-विपक्ष में बोलती रहेंगी, लेकिन ये जरूर है कि एफआईआर में माफिया लिखने के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस शाइस्ता का नाम जल्द ही राज्य की माफियाओं की लिस्ट में शामिल कर लेगी।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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