दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में पुलिस और माफियाओं के बीच जंग जारी है। बेशक यूपी का बड़ा माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) मारा जा चुका है, उसके काले कारनामों में उसका दाहिना हाथ रहा उसका भाई अशरफ (Ashraf) भी अब नहीं रहा। उत्तर प्रदेश के दूसरे माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को 10 साल काल कोठरी में रहने की सजा मिल चुकी है, उसका हमराज, उसका भाई अफजाल भी जेल में है, लेकिन बावजूद इसके यूपी पुलिस को चुनौती दे रहा है माफियाओं का ये परिवार। खुली हवा में घूम-घूम कर चार की चौंकड़ी ने यूपी पुलिस की नाक में दम कर रखा है।
उत्तर प्रदेश में चार की चौकड़ी
सालों तक वो घर संभालती रहीं, सालों तक वो अपने पतियों के काले-कारनामों को दूर से देखतीं रहीं, लेकिन अब जब मौका आया तो डॉन की महिला ब्रिगेड ने खुलकर संभाल लिया मोर्चा। चार की चौकड़ी बनाकर यूपी के माफियाओं की ये महिला गैंगस्टर्स पुलिस का सिरदर्द बनी हैं। सबसे पहले जान लीजिए नकाब के पीछे छिपे इन चार चेहरों को।
शाइस्ता परवीन
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) करीब 2 महीने से फरार है। पुलिस इनाम पर इनाम बढ़ा रही है, लेकिन मैडम है कि पुलिस के हाथ ही नहीं आ रहीं। उमेश पाल हत्याकांड की मास्टर माइंड शाइस्ता परवीन आखिरी बार उस वीडियो में नजर आई थी जब वो उमेश पाल की हत्या की प्लानिंग कर रही थी। उसके बाद शाइस्ता के घर में इतना कुछ हो गया, लेकिन डॉन की शातिर बीवी अंडरग्राउंड हो गई। न बेटे असद के एनकाउंटर के बाद आई और न ही पति अतीक की की कब्र में इसने फूल चढ़ाए। पहले इसपर 25 हजार का इनाम था। फिर इनाम की राशि को बढ़ाकर 35 हजार किया गया और फिर 50 हजार, लेकिन इस नई गैंगस्टर के बारे में कोई जानकारी हाथ नहीं लग पाई। अब पुलिस शाइस्ता पर इनाम की राशि बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
अफशा अंसारी
ये चेहरा है उत्तर प्रदेश के दूसरे माफिया परिवार का। चार की चौकड़ी में दूसरा नाम है मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी (Afsa Ansari) का। अफशा सालों तक अपने पति से माफियागीरी सीखती रही और अब जबकि पति 10 साल के लिए जेल में जा चुका है ये मोहतरमा इधर-उधर भागकर अपने गैंग को मजबूत कर रहीं हैं। अफशा पर कई आरोप हैं। यूपी पुलिस महिनों से अफशा को तलाश रही है। 75 हजार रुपये इनाम भी घोषित कर दिया, लेकिन अपने पति की तरह ही ये भी इतनी शातिर है कि पुलिस की गिरफ्त में आ ही नहीं रही। यहां तक की पुलिस को अफशा के विदेश भागने का डर भी सता रहा है।
जैनब फातिमा
जैनब का नाम काफी कम लोगों ने सुना होगा। जैनब अतीक अहमद के भाई अशरफ की पत्नी है। अपनी जेठानी शाइस्ता की तरह ही जैनब भी अपने पति की मौत बाद उसके अंतिम संस्कार में नहीं पहुंची, बल्कि उसने भागना बेहतर समझा। असद के एनकाउंटर तक वो अपने घर पर ही थी। यहां तक की जैनब ने पुलिस में सुरक्षा को लेकर मांग की थी, लेकिन बाद में जब उमेश पाल हत्याकांड की जांच शुरू हुई तो तार जैनब तक भी जुड़ने लगे। पुलिस ने जैनब फातिमा को भी आरोपी बनाया। इसके बाद जैनब भी फरार हो गई। शाइस्ता की तरह जैनब का भी कोई पता नहीं है।
आएशा नूरी
चार की चौंकड़ी में आखिरी नाम है आएशा नूरी का। आएशा अतीक अहमद की बहन है। वो बहन जिसपर अतीक हमेशा से भरोसा करता आया था। अतीक का शार्प शूटर गुड्डु बमबाज आखिरी बार आएशा के घर में नजर आया था। आएशा ने ही उमेश पाल के हत्यारों को फरार होने में मदद की थी। अतीक के कहने पर आएशा नूरी ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद मजार पर चादर भी चढ़ाई थी। आएशा का पति अखलाख भी इस काले कारनामों में अपनी पत्नी के साथ था। पुलिस ने अखलाख को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बुर्खे की आड़ में आएशा नूरी फरार हो गई।
माफियाओं की लेडी ब्रिगेड बनी पुलिस के लिए चैलेंज
अब ये चार चेहरे पुलिस के लिए चैलेंज बन चुके हैं। हर तरफ छापेमारी की जा रही है। न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देश के अलग-अलग ठिकानों पर इनकी तलाशी हो रही है, लेकिन इन चार महिलाओं का पता लगना मुश्किल होता जा रहा है। माना जा रहा कि ये महिलाएं अपने गैंग के लोगों से संपर्क में है, लेकिन सारे काम इतनी चालाकी से हो रहे हैं कि पुलिस को भनक भी नहीं लग रही। अगर ये कहा जाए कि अब उत्तर प्रदेश में माफियाओं की लेडी ब्रिगेड हावी होती दिख रही है तो कुछ भी गलत नहीं होगा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."