दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
उसका शरीर जला हुआ था, उसके पास एक अधजला सुसाइड नोट पड़ा हुआ था। घर बंद था और लाश बयां कर रही थी सुसाइड की कहानी, लेकिन ये कहानी गढ़ी गई थी। ये कहानी सच नहीं थी। ये कहानी तो कातिल ने खुद प्लान की थी। दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली लड़की का मर्डर हुआ और उस मर्डर को सुसाइड का रूप देने की एक नाकाम कोशिश की गई।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा का कातिल कौन?
7 दिसंबर 2009, दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रुम में एक फोन आता है। बताया जाता है कि सराय रोहिल्ला के पुलिस क्वार्टर्स में एक लड़की की अधजली लाश पड़ी हुई है। पुलिस कंट्रोल रुम से लोकल थाने को फोन किया जाता है और आधे घंटे के अंदर पुलिस की टीम सराय रोहिल्ला के उस घर में पहुंचती है जहां लड़की की लाश पड़ी है। पुलिस स्टेशन के 100 मीटर के दायरे में ही ये घर था।
नेहा जिंदल मर्डर केस को बताया गया सुसाइड
घर के अंदर जो लाश पड़ी थी वो 20 साल की नेहा जिंदल की थी। नेहा दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मी बाई कॉलेज से ग्रेजुएशन कर चुकी थी और एमबीए में एडमिशन लेने के लिए तैयारी कर रही थी, लेकिन अब सामने उसकी लाश पड़ी थी। नेहा अपने माता पिता और दो भाई-बहनों के साथ घर पर रहती थी। पुलिस ने मौके पर तलाशी ली तो डेड बॉडी के पास उन्हें एक सुसाइड नोट भी मिला, जो कि थोड़ा बहुत जल भी चुका था। पुलिस ने आनफानन में इसे सुसाइड का केस करार दे दिया।
सुसाइड को मर्डर बताने की कोशिश क्यों हुई?
नेहा की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया तो दो दिन बाद जो खबर सामने आई उसने जानकर दिल्ली पुलिस के भी हाथ-पैर फूलने लगे। डीयू की इस छात्रा का मर्डर हुआ था जिसे सुसाइड की शक्ल देने की कोशिश की गई थी। पोस्टमार्टम में पता चला कि नेहा की पहले गला दबाकर हत्या की गई थी। उसके गले में चोट के निशान थे। अब सवाल ये था कि कौन था इस 20 साल की लड़की का दुश्मन। घर में कोई ऐसा सुराग पुलिस को नहीं मिला जिससे ये साबित हो कि घर में बाहर से कोई आया था। तो क्या कत्ल घर के ही किसी शख्श ने किया था।
नेहा के माता-पिता ने सबसे पहले देखी बेटी की लाश
नेहा की मां पुलिस में सब इंसपेक्टर की पोस्ट पर है जबकि पिता की ग्रॉसरी और इलेक्ट्रोनिक आइटम की दुकान है। जिस ये वारदात हुई उस वक्त नेहा घर में एकदम अकेली थी। नेहा के माता-पिता अपने काम पर गए हुए थे, जबकि भाई बहन ट्यूशन। सबसे पहले नेहा के माता-पिता ने ही उसकी लाश को देखा था। नेहा के माता-पिता ने पुलिस को बताया कि वो जब अपने काम से वापस घर लौटे और दरवाजा खोला तो नेहा की लाश को देखकर चौंक गए। उन्होंने ही पुलिस को नेहा की मौत की जानकारी दी।
पहले गला दबाया गया और फिर लाश को जलाया गया
पुलिस ने जांच शुरू की। शुरू में ऐसा लगा कि जल्द ही ये केस सॉल्व हो जाएगा। पुलिस ने अपनी जांच की शुरूआत नेहा के परिवार से ही क्योंकि ये साफ था कि बाहर से कोई नहीं आया। ये भी साफ था कि नेहा का पहले गला दबाकर उसकी जान ली गई और फिर उसके बाद ही उसके शरीर को जलाने की कोशिश हुई। जब नेहा का कत्ल हुआ तो पड़ोस में किसी को भी कोई आवाज नहीं आई। नेहा के कत्ल का सबसे पहले परिवार को ही पता चला।
बाहर से कोई घर में नहीं घुसा फिर कैसे हुआ कत्ल?
पुलिस ने परिवारवालों से पूछताछ शुरू की। जिस घर में नेहा का परिवार रहता था ये नेहा की मां विमला जिंदल को मिला हुआ था। विमला पुलिस में सब इंस्पेक्टर थीं। उनके अलावा नेहा के कई और रिश्तेदार भी पुलिस में थे। जांच टीम ने एक-एक कर सबसे पूछताछ शुरू की। पुलिस को कत्ल का कोई मोटिव नहीं मिल रहा था। ये भी साफ था कि कोई घर में जबदस्ती नहीं घुसा है। यानी कत्ल किसी जानने वाले ने ही किया।
नहीं सुलझ पाई नेहा जिंदल की मर्डर मिस्ट्री
लव एंगल से भी जांच की गई, लेकिन उस एंगल से भी पुलिस को कुछ नहीं मिल पाया। 75 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हुई फिर भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग रहा था। लड़की का कत्ल तो हुआ था, लेकिन कातिल के कोई निशान नहीं थे। अब पुलिस ने केस को सॉल्व करने के लिए परिवावार वालों को स्टिंग तक कर डाला ताकि उनके हाव-भाव और बातों से साइकॉलजी के मदद से केस को सुलाया जा सके, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी ये केस कभी सॉल्व नहीं हुआ। इस केस को अब करीब 14 साल हो चुके हैं, लेकिन नेहा जिंदल के कत्ल की गुत्थी उलझी की उलझी ही है। नेहा जिंदल का केस भी दिल्ली के अनसॉल्व मर्डर में शामिल हो चुका है।
Author: samachar
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