दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
मेरठ। तंत्र-मंत्र से मिलने वाली शक्तियों का फितूर निशा के सिर पर ऐसा चढ़ा था कि उसने मां की ममता को भी मार दिया। उसके सामने ही प्रेमी और पड़ोसियों ने बेटी की हत्या की थी। इसके बाद बेटे को भी मार दिया, लेकिन उसे कुछ फर्क नहीं पड़ा। यह भी चर्चा है कि उसके पहले भी तीन बच्चों की मौत हो गई थी, कहीं इसमें भी तो उसका हाथ नहीं था।
घर में घंटों करती थी तंत्र-मंत्र
तंत्र क्रिया से निशा ऐसी शक्ति पाना चाहती थी कि सब उसके आगे-पीछे घूमें। वह भूत, वर्तमान और भविष्य बताने वाली बनना चाहती थी। लोगों से उसने कहना भी शुरू कर दिया था कि जल्द ही उसमें शक्तियां आ जाएंगी। घर में भी घंटों तक तंत्र-मंत्र करती थी।
उसका बच्चों से लगाव कम होता जा रहा था। उसे लगता था कि यह उसकी शक्तियों में बाधक बन रहे हैं। इसके चलते ही दोनों बच्चों की कुर्बानी देनी की सोची और घटना को अंजाम दिया। पुलिस जांच में आया कि इन से पहले भी निशा के तीन बच्चे हुए थे, जिनकी अचानक ही मौत हो गई थी। रात में सभी सोते थे। सुबह उठते तो नाक-मुंह से खून निकलने लगता था। एक लड़की नौ साल की, एक बेटा चार साल और तीसरा बच्चा पैदा होने के कुछ समय बाद मर गए थे। लोगों को शक है कि कहीं उनकी मौत के पीछे भी तंत्र क्रिया तो नहीं।
दो घंटे में किया 25 किमी का सफर
मुसर्रत के घर में आरिफ ने लड़की के शव को, तो साद ने लड़के के शव को पेटी में डाला था। सभी को डर था कि गाड़ी आएगी और उसमें सब बैठकर जाएंगे तो शक हो जाएगा। इसलिए मुसर्रत के बीमार होने की अफवाह उड़ाई थी। रात नौ बजे वह शवों को लेकर आरिफ की वैगनआर से गंगनहर के लिए निकले थे। करीब दो घंटे में रात 11 बजे 25 किमी का सफर पूरा कर भोला झाल के पास पहुंचे और शवों को फेंक दिया था। पुलिस के हाथ वह सीसीटीवी फुटेज भी लग गई है, जिसमें आरोपित पेटियों को गाड़ी में रखते हुए दिख दे रहे हैं।
मौत का खौफ दिखा पड़ोसियों को किया शामिल
एसपी सिटी ने बताया कि 52 वर्षीय शाहिद का निकाह 36 वर्षीय निशा से 20 साल पहले हुआ था। दोनों की पहली ही शादी थी। करीब 15 साल से निशा तंत्र-मंत्र का काम करती थी। कुछ समय पहले पड़ोसन मुसर्रत के पति की मौत हो गई थी। बेटी का तलाक हो चुका है, जबकि बेटा कहीं काम नहीं कर रहा। निशा ने तंत्र-मंत्र की बातों से उसे झांसे में ले रखा था।
तीन दिन पहले बनाई थी योजना
निशा और प्रेमी सऊद ने तीन दिन पहले हत्या की योजना बनाई थी। इसमें निशा ने मुसर्रत और उसके परिवार को शामिल कर लिया। उससे कहा कि अपने बच्चों की कुर्बानी देने से उसकी शक्तियां बढ़ जाएंगी, वहीं ऐसा न करने पर सबसे पहले मौत तुम्हारे बेटे साद की होगी। यह सुनकर मुर्सरत डर गई थी। उसने बेटे और जेठानी को भी अपने साथ मिला लिया था।
अपने-अपने मतलब को वहशी हो गए सारे
एसपी सिटी ने बताया कि प्रेमी बच्चों को बेहोश करने के लिए इंजेक्शन लाया था। बच्चों को एलर्जी के नाम पर पड़ोसन कौसर ने इंजेक्शन लगाए। इसके बाद कोनान बेहोश हो गई, जबकि मेराब खेलता रहा। निशा ने बेटे को सामने कौसर के घर भेज दिया। बेहोश कोनान के हाथ कौसर व पैर उसकी देवरानी मुसर्रत ने पकड़े और प्रेमी ने नाक-मुंह दबाकर सांसें रोक दी। निशा पास ही खड़ी थी। इसके बाद तीनों कौसर के घर पहुंचे और मेराब की भी नाक-मुंह दबाकर हत्या कर दी।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."