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November 22, 2024 3:36 pm

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विश्व जल दिवस पर आयोजित संगोष्ठी ; नहीं चेता मानव तो होगा जल के लिए विश्व युद्ध – राघवेंद्र

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

देवरिया,भाटपार रानी। नगर स्थित मदन मोहन मालवीयकोत्तर महाविद्यालय सभागार में विश्व जल दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में संस्थान के प्रबंधक व वरिष्ठ भाजपा नेता राघवेंद्र वीर विक्रम सिंह ने जल बचाने की शपथ दिलाई गई।

गोष्ठी में लोगों को जल का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में जल का महत्वपूर्ण स्थान है। पानी के बिना प्राणी जीवित नहीं रह सकता । घरों में लगे आरओ से निकलने वाले जल से बर्तन धोने व गृहवाटिका की सिंचाई करने की सलाह दी।

उक्त उद्गार व्यक्त करते हुए श्री सिंह ने कहा कि दुनिया में तकरीबन 100 करोड लोगों के पास शुद्ध पेयजल उपलब्धता का संकट है। यूनिसेफ द्वारा 18मार्च 2021की सर्वे को माने तो सन 2025 तक विश्व की 50 फ़ीसदी आबादी भयंकर जल संकट को झेलने के लिए मजबूर होगी। दुनिया के हर पांचवें बच्चों के पास रोज की जरूरत पूरा करने के लिए पर्याप्त जल का अभाव होगा। वैश्विक अख्तर पर देखें तो तकरीबन 142 करोड लोग ऐसे स्थानों पर रहते हैं जहां जल की भारी कमी है, इनमें से 45करोड़ बच्चे भी शामिल हैं।

बढ़ती जनसंख्या भी इसका कारण है। उपलब्ध जल में97.5% जल खारा है, 2.5% जल का उपयोग किया जाता है।

संस्थान के संरक्षक डॉ पवन कुमार राय ने कहा कि कई क्षेत्रों में जहां अधिक वर्षा होती थी, वहां वर्षा में कमी आती जा रही है। जनसंख्या वृद्धि तथा पानी की उपभोग की मात्रा में वृद्धि के फल स्वरुप पानी के प्रति व्यक्ति उपलब्धता में हो रही कमी समूचे विषय में गंभीर समस्या का रूप लेती जा रही है।

प्राचार्य प्रोफेसर सतीश चंद्र गौड़ ने भूजल के गिरते स्तर पर चिन्ता जताते हुए कहा कि भूजल का स्तर गिरना बेहद चिन्ता का विषय है, यदि इसे समय रहते नहीं रोका गया तो आने वाले समय में हालात बहुत भयावह होंगे। इसके लिये हमें भूजल स्रोतों को पुनर्जीवित करना होगा। उन्होने सरकार द्वारा वर्षा के जल का संचयन करने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर चलाये गये कैच द रैन अभियान का स्वागत करते हुए कहा कि वर्षा के जल को संरक्षित कर जल संकट की समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

प्रोफेसर कमलेश नारायण मिश्र ने दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पानी की बचत करके भी हम जल की बर्बादी रोक सकते है यह कार्य केवल सरकार या प्रशासन के बूते नहीं किया जा सकता है इसके लिये जनभागीदारी की आवश्यक्ता है।
प्रोफेसर सुधीर कुमार शुक्ल ने कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ मिलकर जल संरक्षण और पौधारोपण को लेकर जागरुकता अभियान चलाने होंगे, ताकि लोग जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण को अपनी जिम्मेदारी समझकर इस मुहिम में सहयोग कर सके।

गोष्ठी में प्रोफेसर देवेंद्र प्रताप मिश्र, प्रोफेसर मनोज कुमार, प्रोफेसर राम अवतार वर्मा, पूर्व प्राचार्य डॉ राकेश कुमार, डॉ मनीष नाथ त्रिपाठी, डॉ अंशुमान सिंह ,डॉ रणजीत सिंह, डॉ सुशील कुमार पांडेय,डॉक्टर पूनम यादव, डॉक्टर श्रीनिवास मिश्र, डॉ अवनीत सिंह, डॉ महेंद्र मिश्र, डॉ एसके पाठक, डॉक्टर अमीर लाल, डॉक्टर कनक लता, डॉक्टर प्रवीण प्रजापति, डॉक्टर शिव शंकर प्रजापति, डॉक्टर सौरभ पाल, डॉक्टर ज्ञान प्रकाश ,डॉक्टर अरुण कुमार गुप्त, डॉ अभिमन्यु पांडेय,शिवप्रसाद ,प्रवीण शाही, शिवप्रताप सिंह आदि लोगों ने प्रतिभा लिया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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