कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उन्नाव । उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रशासन के संरक्षण में पनप रहे अपराधियों का बोलबाला मर्डर केस को पुलिस ने किया गुमराह।
उन्नाव जिले से जुड़ा हुआ एक मामला सामने आया है। 6 माह पूर्व में हुऐ मर्डर की FIR जनपद उन्नाव के थाना प्रभारी अजगैन के द्वारा नहीं दर्ज की गई। वरिष्ठ पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई। पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री से लेकर डिजी लाइन ऑर्डर को भी पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया फिर भी दबंगों के खिलाफ पुलिस के आला अधिकारियों से न्याय नहीं मिला।
बताते चलें कि विगत 6 माह पूर्व 02/10/2023 को थाना अजगैन क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम नवई आगा खेड़ा में पीड़ित का परिवारिक जमीनी विवाद चचरे भाईयों से चल रहा था। इसमें दबंग भैयालाल चौरसिया उर्फ कल्लू एवं प्रकाश चौरसिया पुत्र सोहनलाल चौरसिया और स्वर्गीय रामविलास चौरसिया पुत्र ननकू उर्फ सकठू से विवाद चलता रहा लेकिन प्रकाश चौरसिया जो दबंग प्रवृति के बताए जाते हैं, ने अपने प्रभाव से दबाव डाल कर माननीय न्यायालय से आपसी समझौता कराया था लेकिन पीड़ित स्वर्गीय रामविलास लखनऊ में रहने के कारण दबंगों की षड्यंत्रकारी योजनाओं को समझने में नाकाम साबित हुआ। कुछ दिनों बाद दबंग प्रकाश चौरसिया एवं भैया लाल चौरसिया उर्फ कल्लू पुत्र सोहनलाल चौरसिया के द्वारा पीड़ित पक्ष को फोन के माध्यम से धमकी देना शुरू कर चुके थे। प्रकाश चौरसिया चाहते थे कि मृतक रामविलास की भूमि को हड़प लें लेकिन पीड़ित परिवार रामविलास चौरसिया चार भाई होने के कारण उस जमीन पर अपने अधिकार को छोड़ना नहीं चाहते थे इसलिए स्वर्गीय रामविलास चौरसिया को लगातार फोन के माध्यम से धमकियों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन रामविलास चौरसिया को जरा भी अंदाजा नहीं था कि मेरे साथ मेरे परिवार के लोग इस घिनौनी हरकत को अंजाम दे सकेंगे इसलिए रामविलास चौरसिया अपने भाइयों के साथ अपने पिता की भूमि पर जुताई एवं बुवाई कराने के लिए ग्राम नवाई मजरा आगा खेड़ा पहुंचकर अपने जमीन की जुताई बुबाई कराने हेतु पहुंचा था। वहां पहले से घात लगाए हुए बैठे दबंग प्रकाश चौरसिया एवं भैया लाल चौरसिया उर्फ कल्लू पुत्र गण सोहनलाल चौरसिया के द्वारा पीड़ित परिवार के बड़े बेटे स्वर्गीय रामविलास चौरसिया को पानी पीकर लौटते समय अपनी पान की भीट में ले जाकर मुंह बन्द करके गले में पड़े गमछे से गला घोंट दिया साथ ही पास के बने हुए तालाब में मौका पाकर फेंक दिया।
पीड़ित परिवार को जानकारी मिलने पर पूरा परिवार एकत्रित होकर 112 पर सूचना देने का प्रयास करता रहा लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिरी समय में थाना प्रभारी को सूचना देने पर एक घंटे बाद si संगम लाल मिश्रा एवं एक हेड कांस्टेबल के साथ पहुंचने पर पीड़ित परिवार की बात को अनसुनी करते हुए पंचनामा भर कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
पुलिस प्रशासन द्वारा कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई। साथ ही कहा गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। 6 माह बीत गए लेकिन पुलिस प्रशासन दबंगों के साथ आंख मिचौली खेलता रहा। इधर पीड़ित परिवार न्याय पाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का चक्कर लगाते हुए न्याय की गुहार लगाता रहा।
इधर थाना अजगैन पुलिस एवं लेखपाल व दबंग प्रकाश चौरसिया से सांठगांठ करके लेखपाल पीड़ित परिवार को 500000, लाख रुपए का लालच देकर दैवी आपदा का बहाना बना कर रामविलास चौरसिया को डूबने का हवाला देकर अपनी मर्जी से बिना पीड़ित परिवार की अनुमति एवं बिना साईंन करा कर अपने द्वारा फर्जी रिपोर्ट तैयार करते हुए उपजिलाधिकारी को भ्रमित करने का कार्य किया है।
थाना अजगैन पुलिस डूबने की बात कहती रही लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद खुलासा हुआ कि राम विलास चौरसिया की मौत गला घोंटकर की गई।
पीड़ित परिवार के द्वारा माननीय न्यायालय उन्नाव में 156-3 की कार्यवाही करते हुए न्यायमूर्ति सुधा सिंह के द्वारा आदेश जारी करते हुए थाना अजगैन पुलिस प्रशासन को दिनांक 06/03/2023 को रिसीव करने के बाबजूद भी पुलिस प्रशासन भ्रमित करने में जुटी रही। जब क्षेत्राधिकारी हसनगंज दीपक सिंह से शिकायत की गई उसी दौरान क्षेत्राधिकारी दीपक सिंह के कहने पर आज दिनांक 17/03/2023 को थाना प्रभारी विनोद कुमार मिश्रा के द्वारा fir दर्ज कराई गई साथ ही पीड़ित परिवार को प्रतिलिपि दी गई। लेकिन सच्चाई यही है कि पुलिस प्रशासन दबंगो को बचाने के लिए विवेचना अधिकारी संगमलाल एवं रामेश्वर सिंह साथ ही लेखपाल के द्वारा बचाने का प्रयास किया लेकिन आज धारा 302,-201-506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
खबर लिखे जाने तक पुलिस प्रशासन द्वारा दोषी पकड़े नहीं गए।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."