आनंद शर्मा की रिपोर्ट
बनेठा। महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय बनेठा के कक्षा 8 व 9 के SCF बालक बालिकाओं को डीलक्स बस द्वारा विभिन्न स्थानों का शैक्षणिक भ्रमण करवाया गया। भ्रमण पर बालक- बालिकाओं की संख्या 49 थी। उनके साथ विद्यालय के प्रधानाचार्य जी सहित कुल 10 सदस्य थे जिनमें 2 महिला अध्यापिकाएं भी थी।
बस द्वारा प्रातः 8:30 बजे बनेठा ग्राम में स्थित विद्यालय से खाने, पीने व अल्पाहार के सामान के साथ रवाना हुए। ठीक सुबह 10:00 बजे प्रथम दर्शनीय स्थल गोठड़ा पंचायत अंतर्गत हाथी भाटा का सभी SPC विधार्थियों को अवलोकन करवाया गया। सभी ने पत्थर की चट्टान से बने हाथी को देखकर बच्चों ने हमारी प्राचीन स्थापत्य कला के बारे में जाना। वहां पर पानी के कुंड व जमीन पर बनी थालियों जैसी विभिन्न आकृतियों को देखकर सभी बच्चे बहुत आनंदित हुए।
वहीं पर ही सभी बच्चों को गर्मागर्म कचोरी व बनेठा की प्रसिद्ध दूध की मिठाई रबड़ी का अल्पाहार करवाया गया। सभी बच्चों को शिक्षकों ने उस स्थान के बारे में शास्त्रो मे वर्णित इतिहास की भी जानकारी दी।
इसके बाद सभी अगले स्थान SICF सेंटर देवली के भ्रमण हेतु रवाना हुए।बस में सभी बच्चे मंद मंद संगीत के साथ ठुमके भी लगा रहे थे।
दिन के 1:00 बजे देवली एसआईसीएफ सेंटर पहुंचे। ट्रेनिंग सेंटर पर अनुमति लेकर
वहां उपस्थित अधिकारियों को गाइड के रूप में साथ लेकर पुरे परिक्षैत्र का अवलोकन किया।
सभी बच्चे व शिक्षक SICF के अधिकारियों व प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जवानों का अनुशासन देखकर हतप्रभ रह गए।सभी ने उनकी भूरी भूरी प्रशंसा की।
पी टी ग्राउंड व दीक्षांत समारोह आयोजन स्थल की साफ- सफाई व सुंदरता देखते ही बनती थी। वहीं पर स्थित 400 वर्ष पुराना नेक चाल बालाजी का मंदिर, अंग्रेजों के जमाने का फांसी घर, ईसाइयों का विश्व प्रसिद्ध चर्च व डीआईजी सहाब का कार्यालय व प्रशिक्षण मैदान का बारीकी से सभी बच्चों को निरीक्षण करवाया गया।
साथ ही इन सबको देखकर बच्चों के मन में उठ रहे सवालों,उनकी जिज्ञासाओं को भी हमारे साथ चल रहे अधिकारियों ने समाधान किया। इसके पश्चात हम सभी को कई तरह की राइफलों की कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी दी गई।
SPC विधार्थियों ने राइफलों व पिस्तौल को हाथ में लेकर अच्छी तरह से उसके बारे में जांचा परखा। बम चलाने की मशीन की कार्यप्रणाली के बारे में भी बच्चों को विस्तार से समझाया गया। बच्चों को हाथ में देकर फोटो भी खिंचवाए गए।सभी बच्चों ने बड़े उत्साह व आनंद के साथ सारी जानकारियां प्राप्त की।बच्चे राइफलों को हाथ में लेकर अपने आपको को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे थे।
स्टाफ साथी भी कहां पीछे रहने वाले थे। उन्होंने भी पिस्टल, गन को कैसे चलाते हैं? कितने राउंड होते हैं? इस तरह के कई सवालों के जवाब पुछे।सबने फोटो भी खिंचवाई। उसके बाद वहीं पर सभी बच्चों की पंगत लगा कर सब्जी, पुड़ी व मिठाई से भरपेट भोजन करवाया गया।सीआईएसएफ द्वारा ठंडे पानी के कैंपर मंगवाए गए। सबने ठंडे पानी का आनंद लिया। जवानों के सेवाभाव और कर्तव्य परायणता को देखकर सभी बहुत अभिभूत हुए। भविष्य में इसी तरह की नौकरी करने की कई SPC विधार्थियों ने इच्छा प्रकट की।हम भी देश सेवा करेंगे। इसके पश्चात सभी बच्चों को वहां से 8 किलोमीटर दूर स्थित प्राचीन बोरड़ा गणेश जी महाराज मंदिर के भी दर्शन करवाए गए। वहां का मनोरम दृश्य देखकर बच्चे बहुत रोमांचित हुए। मंदिर के ठीक पीछ पानी से लबालब बनास नदी बह रही थी। साथ ही बच्चों के खेलने- कूदने के लिए एक मंगल पार्क भी बना हुआ था। बच्चों ने पार्क में झूले, चकरी और रेलगाड़ी की सवारी का भरपूर आनंद लिया। बच्चों के चेहरे खुशी से चमक उठे। यहां पर लगभग एक घंटे तक सबने प्राकृतिक छटा व पार्क की हरियाली का आनंद लिया।
इसके बाद सभी वापस गंतव्य स्थान के लिए रवाना हो गए। रास्ते में सभी बच्चों व शिक्षकों ने एक होटल पर गर्मागर्म चाय पी। बस में सभी बालिकाएं डीजे साउंड पर विभिन्न राजस्थानी लोकगीतों पर नृत्य करती हुई बड़े आनन्द के साथ यात्रा कर रही थी। मधुरमय संगीत से बस का माहौल आनंददायक बना हुआ था। ठीक सांयकाल 6:30 बजे सभी SPC विधार्थियों बनेठा स्थित विद्यालय में पहुंच गए।
आज का यह शैक्षणिक भ्रमण विधार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को भी कई तरह की नई जानकारी सिखाने वाला साबित हुआ। सभी की एक ही राय थी कि वर्ष में एक बार इस तरह के शैक्षिक भ्रमण बच्चों के लिए अवश्य होने ही चाहिए।
अंत में प्रधानाचार्य जी ने सभी बच्चों व अध्यापकों को धन्यवाद दिया और सहयोग के लिए सबकी बहुत प्रशंसा की।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."