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November 23, 2024 8:17 am

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कहीं डराकर तो कहीं ललचा कर, क्यों लगातार सामने आ रही हैं धर्म परिवर्तन की घटनाएं?

15 पाठकों ने अब तक पढा

मोहन द्विवेदी की खास रिपोर्ट 

धर्म परिवर्तन यानी किसी शख्स का उसकी मर्जी के खिलाफ या फिर उसे लालच देकर, या डरा-धमकाकर धर्म बदलना या फिर उसे धर्म बदलने के लिए मजबूर करना। ये कानूनन अपराध है और इसपर सजा के प्रावधान भी हैं, लेकिन बावजूद इसके रोज धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते रहते हैं। इस पर क्या है कानून और सजा के प्रावधान ये हम आपको बताएंगे, लेकिन उससे पहले जान लीजिए वो मामले जो पिछले कुछ समय में राज्य के अलग-अलग हिस्सों से सामने आए हैं।

सरकार के सख्त रुख के बावजूद धर्मांतरण क्यों?

मध्यप्रदेश के इंदौर में धर्मांतरण का मामला

मध्यप्रदेश के इंदौर से करीब 12 किलोमीटर दूर दूधिया गांव में ईसाई समाज के कुछ लोगों पर गरीब बस्तियों में जाकर धर्मांतरण कराने के आरोप लगे हैं। क्रिस नॉर्मन के खिलाफ एफआई आर दर्ज करवाई गई है। इसी गांव के रहने वाले मोहित कौशल ने ये शिकायत दर्ज करवाई। मोहित के मुताबिक करीब तीन हफ्ते से कुछ लोग इनके गांव में छुपकर आ रहे थे और लोगों को ईसाई बनने के लिए लालच दे रहे थे। मोहित के घर आकर भी आरोपियों ने यहीं किया। दरअसल मोहित के पिता की काफी समय से तबियत खराब चल रही थी। इन लोगों ने लालच दिया कि अगर ये ईसाई धर्म अपना लेते हैं तो मोहित के पिता का इलाज गुजरात में अच्छे हॉस्पिटल में करवाएंगे। मोहित ने जब इनकार किया तो उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के भगवानों में इतनी शक्ति नहीं है और उसके परिवार के लिए बेहतर होगा ईसाई धर्म अपनाना, नहीं तो पूरा परिवार तड़प-तड़प कर मरेगा।

गाजियाबाद में हिंदुओं को ईसाई बनाने की कोशिश

गाजियाबाद में भी पिछले महीने धर्म परिवर्तन का एक मामला सामने आया था। जहां केरल के एक ईसाई पति-पत्नी पर गाजियाबाद के लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाने की कोशिश कर रहे थे। ये पति-पत्नी खुद भी गाजियाबाद में ही रहते हैं और मिशन यूपी के तहत हिंदू धर्म के लोगों को ईसाई बनाने की कोशिश कर रहे थे। ये लोग इन्द्रापुरम के पास कनावनी गांव में काफी समय से गरीब बच्चों के स्कूल चलाने के नाम पर धर्मांतरण के इस काम में लगे हुए थे। इन पति-पत्नी के अलावा मिशनरी के कई और लोग भी इस काम में शामिल थे। बजरंग दल और वीएचपी को इस बात की खबर लगी तो उन्होंने इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई। जांच के बाद पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया। इन्होंने कनावनी गांव के बच्चों को नमकीन, बिस्किट, ग्लास जैसी चीजें देकर ब्रेन वाश करने की कोशिश करते थे।

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में भी चर्च पर आरोप

यूपी के फतेहपुर जिले में भी धर्मांतरण का मामला देखने को मिला। शहर के देवीगंज चर्च के मैनेजमेंट पर धर्मांतरण के आरोप लगे हैं। पुलिस ने इस मामले में इलाहाबाद की नैनी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बी लाल के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनके अलावा चर्च मैनेंजमेंट से जुड़े 10 अन्य लोगों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई है। इनपर आरोप लगे कि ये लोग चर्च के अंदर फ्री शिक्षा, नौकरी, कैश और सुंदर लड़कियों से शादी करवाने का लोगों को लालच देते हैं और फिर हिंदू धर्म से ईसाई धर्म परिवर्तन करवाते हैं।

10 साल तक की सजा के हैं प्रावधान!

धर्म परिवर्तन को लेकर सरकार लगातार सख्त रुख अपना रही है, लेकिन बावजूद इसके लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। कोई अगर अपनी इच्छा से अपना धर्म बदलना चाहता है तो वो ऐसा बिल्कुल कर सकता है, लेकिन इसके लिए उसे इलाके के डीएम की परमिशन लेना जरूरी है। धर्मांतरण मामले में राज्य अपने-अपने हिसाब से कानून तय करते हैं। देश के ज्यादातर राज्यों में धर्म परिवर्तन को लेकर सख्त कानून लागू हो चुका है। वैसे तो हर राज्य के नियम अलग-अलग है, लेकिन मोटे तौर पर अगर कोई जबरदस्ती, लालच देकर, धोखाधड़ी या फिर किसी और तरह से उसकी मर्जी के बिना उसका धर्म बदलवाता है तो उसे 1 से लेकर 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। वहीं अगर मास लेवल पर यानी बड़ी संख्या में धर्म बदलने के मामले आते हैं तो इस केस में 10 साल तक की सजा भी हो सकती है। हालांकि जो भी नियम उस राज्य ने तय किए होंगे वही उस शख्स पर लागू होंगे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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