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20 March 2025 4:48 am

देवर भाभी की “हुरंगा” होरी आज ; अनोखी प्रथा के गजब रिवाज

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ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट 

मथुरा: मथुरा (Mathura News) के बलदेव क्षेत्र में दाऊजी मंदिर में ‘भाभियों’ और ‘देवरों’ के बीच अनोखी होली के जश्न के लिये 20 क्विंटल टेसू और 50 क्विंटल गुलाल का बंदोबस्त किया जा चुका है। भाभियों और देवरों के बीच खेली जाने वाली इस अनूठी होली को स्थानीय बोली में ‘हुरंगा’ (Mathura Holi) कहा जाता है। यह होली गुरुवार को खेली जाएगी। इस होली के दौरान महिलाएं पुरुषों को गीले सूती कपड़े से मारती हैं।

मंदिर के पुजारी गोविंद पांडेय ने बताया, ‘यह अनोखी होली गुरुवार को दाऊजी मंदिर में खेली जाएगी। भगवान कृष्ण रेवती (कृष्ण के भाई बलदेव की पत्नी) के साथ यह होली खेलते थे।’ उन्होंने कहा,’पुरुष महिलाओं को टेसू के रंग से सराबोर करते हैं, जबकि महिलाएं अपने नए कपड़ों को खराब होने से बचाने की कोशिश करती हैं। त्योहार की भावना में महिलाएं भी पुरुषों के कपड़े फाड़ती हैं और उन्हें चाबुक की तरह इस्तेमाल करती हैं।’

पांडेय ने बताया कि एक व्यक्ति भगवान कृष्ण के रूप में और दूसरा उनके बड़े भाई के रूप में मंदिर में एक ऊंचे मंच पर बैठता है और उत्सव में लोक गीत ‘आज बिरज में होली रे रसिया’ गूंजता है।

पुजारी ने बताया कि ‘हुरंगा’ शुरू होने से पहले, उत्सव को जारी रखने की अनुमति लेने के लिए देवता के सामने एक घंटे तक भक्ति संगीत बजाया जाता है। पांडेय ने बताया, ‘इस उत्‍सव के लिये 20 क्विंटल टेसू के फूल, 50 क्विंटल अलग-अलग रंग के गुलाल, पांच क्विंटल फिटकरी, 10 क्विंटल चूना और पांच क्विंटल केसरिया रंग खरीदा गया है। बीस क्विंटल गुलाब और गेंदे की पंखुड़ियां भी मंगवाई गई हैं।

जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया, ‘हुरंगा के आयोजन के दौरान सुरक्षा के सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। गुंडागर्दी और महिलाओं के साथ किसी भी तरह के दुर्व्यवहार को रोकने के लिए सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा।’

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."