राकेश तिवारी की रिपोर्ट
गोरखपुर: गोरखपुर कारागार (Gorakhpur News) में बंद महिलाएं भी बनेंगी अब आत्मनिर्भर। इसके लिए जेल प्रशासन (Gorakhpur Prison) की ओर से एक नई पहल की शुरुआत हुई है। यहां जेल में बंद महिलाओं कैदियों को ब्यूटीशियन, जूलरी मेकिंग और टेराकोटा वर्क की ट्रेनिंग दी जा रही है। सोमवार को कारागार में इस ट्रेनिंग की शुरूआत हो गई। पहले दिन महिला बंदियों ने मूर्तियों पर डिजाइन करना सीखा।
गोरखपुर कारागार में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जेल प्रशासन ने अपना ‘ट्रस्ट संस्था’ के साथ टाइअप किया है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इस संस्था के द्वारा इसकी शुरुआत की जा रही है। जेल में बंद महिला कैदियों को मूर्तियों के ऊपर पेंटिंग, ब्यूटीशियन और कई तरह के काम सिखाए जाएंगे। इनसे महिला कैदी आत्मनिर्भर हो सकेंगी और जेल के अंदर रहकर भी वह इसे अपने कमाई का जरिया इसे बना सकेंगी।
जेल से छूटने के बाद में महिलाओं को मिलेगा रोजगार
अपना ट्रस्ट की स्वेच्छा श्रीवास्तव ने बताया, ‘गोरखपुर जेल में बंद महिलाओं में से कुछ ऐसी महिलाएं हैं जिनसे कोई मिलने नहीं आता। कुछ गरीब तबके की महिलाएं हैं जिन्हें अपना खर्चा चलाने में समस्या होती है। ऐसे में अपना ट्रस्ट संस्था इन महिलाओं के कमाई का जरिया बनेगा। इन महिलाओं के जेल से छूटने के बाद भी इन्हें इस काम के जरिए बाहर रोजगार मिल सकेगा।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से यह निर्णय लिया गया है। जेल सुप्रिडेंट ओपी कटिहार का कहना था, ‘जेल में बंद महिलाओं को संस्था की दो महिलाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। सोमवार को पहले दिन ट्रेनिंग की शुरुआत की गई। पहले दिन टेराकोटा की मूर्तियों पर महिलाओं को पेंटिंग करना सिखाया गया। इस काम को करने के बाद महिलाएं बाहर जाने के बाद भी उन्हें काम मिल जाएगा।
महिला कैदियों की 3 महीने चलेगी ट्रेनिंग
ट्रस्ट की स्वेच्छा श्रीवास्तव ने बताया जेल में बंद महिला कैदियों की पहले काउंसलिंग की गई है। काउंसलिंग में देखा गया कि महिला बंदियों का रुझान किस तरफ जा रहा है। इसके बाद ट्रेनिंग की शुरुआत की गई। यह ट्रेनिंग 3 महीने चलेगी। इस दौरान महिलाओं को टेराकोटा वर्क ब्यूटीशियन और टेराकोटा की ज्वेलरी बनाना सिखाया जाएगा।
Author: samachar
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