ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट
कई लोगों को धार्मिक स्थलों पर जाने का शौक होता है। हमारे देश में कई धार्मिक स्थल हैं, जहां घूमने का प्लान बनाया जा रहा है। प्रत्येक धार्मिक स्थल अपनी कहानियों के लिए प्रसिद्ध है। कुछ कहानियाँ रोचक होती हैं तो कुछ रहस्य से भरी होती हैं। इन्हीं में से एक है मथुरा-वृंदावन की धरती। इस पवित्र भूमि पर श्रीकृष्ण के कई मंदिर हैं, लेकिन एक जगह ऐसी भी है, जहां आज भी श्रीकृष्ण से जुड़े कई रहस्य छिपे हुए हैं। जहां आज भी श्रीकृष्ण गोपियों के साथ रास रचाते हैं। वह स्थान है निधिवन। निधिवन एक बहुत ही पवित्र, धार्मिक और रहस्यमयी जगह है। दूर-दूर से पर्यटक यहां आते हैं। आइए जानते हैं निधिवन से जुड़े उन रहस्यों के बारे में जो चर्चा का विषय बने।
श्रीकृष्ण नृत्य
निधिवन का ये राज ऐसा है जिस पर शायद ही किसी को यकीन हो. लेकिन लोगों की माने तो आज भी भगवान कृष्ण निधिवन में राधा और गोपियों के साथ नृत्य करते हैं।
रासलीला से जुड़ा रहस्य
कहा जाता है कि मंदिर में आरती के बाद श्री कृष्ण राधा और गोपियों के साथ निधिवन में रासलीला करते हैं और प्रतिदिन यहां आते हैं।
मंदिर में रहने वाला अंधा हो जाता है
लोगों का कहना है कि निधिवन में किसी को रहने की इजाजत नहीं है। जो कोई भी रोकने की कोशिश करता है वह या तो अंधा हो जाता है या रात की घटनाओं का खुलासा करने से पहले मर जाता है।
रंग महल से जुड़ा रहस्य
माना जाता है कि यहां के रंग महल से एक गहरा रहस्य जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि आरती के बाद रंग महल के अंदर एक बिस्तर तैयार किया जाता है। जहां पानी से भरे जग में साड़ी, चूड़ियां, सुपारी, लड्डू रखे जाते हैं। अगली सुबह सब कुछ बिखरा हुआ मिलता है। कहा जाता है कि आरती के बाद वहां मौजूद बंदर भी इलाके से दूर चले जाते हैं।
निधिवन का रहस्यमयी पेड़
निधिवन में पेट कई आकार और छोटे होते हैं। वे मुड़े हुए हैं और एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उनका आकार उन पेड़ों को काफी असामान्य बनाता है। आमतौर पर पेड़ों की शाखाएं ऊपर की ओर बढ़ती हैं, लेकिन इन पेड़ों की शाखाएं नीचे की ओर बढ़ती हैं। ये हैं निधिवन से जुड़े रहस्य, जो अपने आप में आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। अगर आप भी इन रहस्यों को करीब से जानना चाहते हैं तो जब भी आप मथुरा घूमने आएं तो निधि वन जरूर जाएं।
यहाँ तुलसी के पेड़ बनते है गोपियाँ
निधि वन की एक अन्य खासियत यहाँ के तुलसी के पेड़ है। निधि वन में तुलसी का हर पेड़ जोड़े में है। इसके पीछे यह मान्यता है कि जब राधा संग कृष्ण वन में रास रचाते हैं तब यही जोड़ेदार पेड़ गोपियां बन जाती हैं। जैसे ही सुबह होती है तो सब फिर तुलसी के पेड़ में बदल जाती हैं। साथ ही एक अन्य मान्यता यह भी है की इस वन में लगे जोड़े की वन तुलसी की कोई भी एक डंडी नहीं ले जा सकता है। लोग बताते हैं कि जो लोग भी ले गए वो किसी न किसी आपदा का शिकार हो गए। इसलिए कोई भी इन्हें नहीं छूता।
यहाँ वन के आसपास बने मकानों में नहीं हैं खिड़कियां
वन के आसपास बने मकानों में खिड़कियां नहीं हैं। यहां के निवासी बताते हैं कि शाम सात बजे के बाद कोई इस वन की तरफ नहीं देखता। जिन लोगों ने देखने का प्रयास किया या तो अंधे हो गए या फिर उनके ऊपर दैवी आपदा आ गई। जिन मकानों में खिड़कियां हैं भी, उनके घर के लोग शाम सात बजे मंदिर की आरती का घंटा बजते ही बंद कर लेते हैं। कुछ लोग तो अपनी खिड़कियों को ईंटों से बंद भी करा दिया है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."