किरण कश्मीरी की रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस ने जामिया नगर थाने में अबू हसन जैदी नाम के युवक के खिलाफ बलात्कार मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया है। अबू हसन के खिलाफ एक महिला ने धोखाधड़ी, शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने और जबरन धर्म परिवर्तन करवाने की शिकायत दी थी।
इस महिला नाम प्रीति (बदला हुआ नाम) है। जिसे बाद में सिमरन अली बना दिया गया। प्रीति एक एंश्योरेंस कंपनी में काम करती थीं और 2013 में वहां उसकी मुलाकात आदित्य सिंह नाम के लड़के से हुई, जो असली में मुस्तफाबाद का रहने वाला अबु हसन जैदी था। अबु हसन ने आदित्य सिंह बनकर प्रीति को अपने प्यार में इस कदर फंसाया कि प्रीति ने अपने घरवालों की एक न सुनी और उनके खिलाफ जाकर अबु हसन जैदी के साथ लिविंग रिलेशन में रहने लगी और यहीं से उसके साथ टॉर्चर करना शुरू हुआ।
‘जबरन बीफ खिलाया, मांस पकवाया’
प्रीति का आरोप है कि लिविंग में रहने के दौरान जब भी उसने शादी करने की बात कही, तो उसके साथ मारपीट की गई, उसको जबरन बीफ खिलाया गया, उससे मांस पकवाया गया, रोजे रखवाए गए और उसे इस्लाम कबूल करने पर मजबूर किया गया, लेकिन उसके बावजूद सालों तक उससे शादी नहीं की। हालांकि, जब उसने दवाब बनाना कम नहीं किया, तब उसके साथ अक्टूबर 2020 में अमरोहा में एक झूठे निकाह का स्वांग रचाया गया, जिसको बाद में मानने से इंकार कर दिया गया।
उल्टा आरोपी के परिवार ने लगाया आरोप
पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ ना सिर्फ मारपीट की जाती थी, बल्कि वह जो भी अपने पैसे कमाकर लाती वह उससे जबरन ले लिए जाते थे और जब पीड़िता ने इस मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस से की, तो उल्टा आरोपी के परिवार ने उसके खिलाफ ब्लैकमेल और जबरन पैसे मांगने का आरोप लगाकर शिकायत कर दी।
3 जनवरी 2023 को मामला दर्ज किया गया
पीड़िता ने काफी गंभीर आरोप इस अबू हसन जैदी पर लगाए हैं। उसका कहना है श्रद्धा हत्याकांड की खबरें जब उसने सुनी तब वह भी चिंतित हो गई थी और उसने जब अपना डर शेयर किया, तो उसको बोला गया किस श्रद्धा के साथ तो कुछ भी नहीं हुआ उसके साथ उससे भी बहुत बुरा किया जाएगा। आखिरकार इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 13 जनवरी 2023 को मामला दर्ज किया है।
पीड़िता का कहना है कि वो अबु हसन जैदी के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहती है, लेकिन उसे इंसाफ के लिए थाने और कोर्ट के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जब ऐसी घटना सामने आती है, तो उसे लव जिहाद का नाम दिया जाता है, इसके खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक कई बार आवाज उठ चुकी है, लेकिन ऐसी पीड़िता लगातार सामने आ रही हैं और इंसाफ के लिए उन्हें मजबूरन धक्के खाने पड़ते हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."