कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ: पुरानी कहावत है कि राजनीति में कुछ स्थायी नहीं होता, यहां कब क्या हो जाए कुछ पता नहीं चलता, दोस्त दुश्मन हो जाते हैं और दुश्मन दोस्त। यूपी में इन दिनों अपर्णा यादव के सपा में वापसी को लेकर अटकलें सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। सपा संरक्षक मुलायम सिंह के यादव के निधन के बाद मैनपुरी उपचुनाव से पहले शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। अब अंदरखाने सूत्र ये बता रहे हैं कि शिवपाल यादव अब अपर्णा यादव के सम्पर्क में हैं और उन्हें सपा में वापस लाने के लिए मनाने में जुटे हुए हैं। बीजेपी में जाने के बाद अपर्णा यादव को वो तवज्जो नहीं मिल पाई जो उन्होंने उम्मीद लगाई थी।
बीजेपी में शामिल होने के बाद अपर्णा यादव काफी उत्साहित थीं। उन्हें लगा कि बीजेपी उन्हें चुनाव में जरूर उतारेगी। खासतौर से अपर्णा की निगाह लखनऊ की कैंट सीट पर थी, लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद अपर्णा यादव को टिकट नहीं मिला। तब ये कहा गया कि बीजेपी में चुनाव के बाद उनको एडजेस्ट करने का काम करेगी। लेकिन चुनाव के बाद भी राज्यसभा और एमएलसी के चुनाव हुए लेकिन कहीं भी अपर्णा यादव का एडजेस्टमेंट नहीं हुआ। अब अपर्णा यादव के सामने भी काफी कम आप्शन बचे हैं।
बीजेपी में जाने के बाद अपर्णा का कद जस का तस बना हुआ है। न तो संगठन में जगह मिली न तो सरकार में। इससे आने वाले दिनों में अपर्णा के लिए चुनौतियां और बढ़ सकती हैं। प्रसपा के सूत्रों के मुताबिक शिवपाल की इच्छा है कि अपर्णा को वापस सपा में लाया जाए। अपर्णा भी शिवपाल का काफी सम्मान करती हैं। ऐसे में शिवपाल अपर्णा यादव को मनाने में जुटे हुए हैं। सूत्र बता रहे हैं कि अपर्णा की वापसी का जिम्मा अखिलेश ने शिवपाल यादव को ही सौंपा है। अगर ऐसा हुआ तो अपर्णा की वापसी सपा के लिए बूस्टर का काम करेगी।
डिंपल को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं…
वहीं डिंपल यादव की जीत पर जब अपर्णा यादव ने जीत की शुभकामनाएं दीं तो उस वक्त इन चर्चाओं ने और जोर पकड़ लिया था कि अब अपर्णा यादव सपा में शामिल हो जाएंगी। हालांकि कुछ दिनों बाद यह सभी चर्चाएं धीमी पड़ गईं। अपर्णा यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मैनपुरी की सांसद आदरणीय डिंपल यादव भाभी जी को जन्मदिन पर बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
Author: samachar
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