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November 23, 2024 7:12 am

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संकुल गुमाई के प्रधानाध्यापकों की बैठक में बीईओ को भेंट किया ‘राष्ट्र साधना के पथिक’ पुस्तक

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

अतर्रा(बांदा)। निपुण भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु संकुल गुमाई के प्रधानाध्यापकों की एक बैठक कम्पोजिट विद्यालय बडे क्षेत्र महुआ में आयोजित की गई।

उपस्थित सभी प्रधानाध्यापकों को खंड शिक्षा अधिकारी महुआ विनोद कुमार पटैरिया ने आवश्यक निर्देश दे निपुण लक्ष्यों को तय समय सीमा अंतर्गत प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया। इसी अवसर पर प्राथमिक विद्यालय पचोखर-2 के प्रधानाध्यापक साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय ने अपनी संपादित कृति ‘राष्ट्र साधना के पथिक’ एवं गीता दैनंदिनी डायरी भेंट की।

कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। बालिकाओं ने वाणी वंदना प्रस्तुति की। कम्पोजिट विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रेम सिंह ने स्वागत करते हुए अपने विद्यालय की विकास की कहानी साझा की।

जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार एवं प्राथमिक विद्यालय पचोखर-2 के प्रधानाध्यापक प्रमोद दीक्षित मलय ने देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर क्रांतिकारियों के जीवन पर आधारित अपनी संपादित पुस्तक ‘राष्ट्र साधना के पथिक ‘ भेंट किया। इस अवसर पर उपस्थित प्रधानाध्यापकों, समिति सदस्यों एवं अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी महुआ विनोद कुमार पटैरिया ने कहा कि अभिभावक बच्चों को नियमित स्कूल भेजने में मदद करें। गांव में यदि बच्चे स्कूल समय में खेलते हुए या खेतों में काम करते हुए मिलें तो उनके माता-पिता को समझायें। ग्राम प्रधान, विद्यालय प्रबंध समिति और सभी ग्रामवासी मिलकर विद्यालय बेहतर बनायें। शिक्षक प्रत्येक बच्चे का शैक्षिक रिकार्ड रखें। योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन कर बच्चों को लाभान्वित करें। शिक्षक बच्चों में केवल किताबी नहीं बल्कि नैतिक चरित्र का विकास करें। बैठक के पूर्व बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपको अच्छा इंसान बनना है। सूर्योदय के पूर्व जगकर व्यायाम करें, स्कूल के विषयों का अभ्यास करें और स्नानादि करके विद्यालय आयें। कक्षा में सवाल जरूर करें। लक्ष्य बनाकर पढ़ें, सफल होंगे। लड़कियां अपने प्रति हो रहे गलत व्यवहार को सहें नहीं बल्कि अपने माता-पिता और शिक्षकों से बतायें। सभी मिलकर निपुण लक्ष्य प्राप्त करना है। आगे कहा कि प्रमोद दीक्षित मलय वरिष्ठ रचनाकार हैं। आपकी पूर्व पुस्तक ‘प्रकृति के आंगन में’ पर्यावरण मुद्दे पर समाज को प्रेरित करने वाली है। आज भेंट की गयी पुस्तक देश की आजादी के आंदोलन में योगदान देने वाले क्रांतिकारियों एवं अन्य नायकों के अवदान पर आधारित है जो बच्चों के लिए भी बहुत उपयोगी है। मैं प्रमोद दीक्षित मलय की रचनात्मकता की सराहना करता हूं।

बैठक में जय दीक्षित, विनोद पटेल, जयनारायण श्रीवास, राजकुमार पांडेय एवं सुनील कुमार ने भी विचार रखे।राम किशुन, रामनारायण वर्मा, शिवकुमार, जयकांत गौतम, प्रदीप, रीता, राजाभईया, भारतभाई, शिल्पी रानी, राजेश सचान एवं अम्बिका द्विवेदी आदि उपस्थित रहे।‌

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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