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November 23, 2024 7:10 am

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पिता के खिलाफ धरने पर क्यों बैठी ये दो बहनें? पढ़िए इस खबर को

11 पाठकों ने अब तक पढा

सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट 

बस्ती,  सबके मुकद्दर में कहां होती हैं बेटियां, जो घर भगवान को पसंद आ जाए, बस वहां होती हैं बेटियां। बस्ती जिले के कलवारी थाना क्षेत्र के दुबौली गांव में बसने वाले गोमती प्रसाद का घर भी शायद ईश्वर को पसंद आ गया। तभी तो एक नहीं दो नहीं बल्कि 6 बेटी व एक बेटे का उपहार दिया। चार बेटी और बेटे की शादी हो गयी हैं। दो बेटियां कविता और सविता अभी पढ़ाई कर रही हैं। यह दोनों स्नातक उत्तीर्ण हैं।

पिता ने पढ़ाई पर भी लगाई पाबंदी

बचपन से लेकर किशोर अवस्था तक इन बेटियों से घर-आंगन गुलजार रहने वाला घर धीरे-धीरे कलह के झंझावात में चला गया। जब यह बालिग हुईं और पढ़कर स्वावलंबी बनने का राह चुनने लगीं तो पिता को यह बेटियां बोझ लगने लगीं। हालात यहां तक पहुंच गए कि बेटियों के पढ़ाई लिखाई पर बंदिश लगा दी गई।

हक के लिए आवाज उठाई तो प्रताड़ित किया गया

हक के लिए इन बेटियों ने आवाज उठाई जो प्रताड़ित किया जाने लगा। जुल्म जब सहन नहीं हुआ तो मुखर होकर विरोध कर यह दोनों बहनें कड़ाके की ठंड के बीच 34 किमी दूरी तय कर न्याय की आस में सोमवार को दोपहर में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गईं। यहां से उनको महिला थाने में भेज दिया गया। दोनों बहनों का आरोप है महिला थानाध्यक्ष ने उनकी एक नहीं सुनी। अमर्यादित व्यवहार भी किया। महिला पुलिसकर्मियों के इस व्यवहार से आहत यह दोनों बहनें शाम चार बजे वापस जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गईं और न्याय की मांग को लेकर वहीं धरने पर बैठ गईं।

भाई-भाभी की बातों में आकर पिता करते हैं अन्याय

बहनों का आरोप है कि भाई और भाभी की बातों में आकर पिता हमारे साथ अन्याय करते हैं। उनकी एक भी बात नहीं सुनी जाती। अपने ही घर में बेगाने से हैं। जब कोई उपाय नहीं सुझा तो वह मदद की आस में जिलाधिकारी के पास आई हैं। सवाल उठाया कि बेटी पिता के घर में सम्मान के साथ नहीं रह सकती है तो वह फिर कहां जाएं। इन सारे सवालों पर अधिकारी भी निरुत्तर नजर आए। बहरहाल कंपकंपाती ठंड में इन लड़कियों की जिद के आगे प्रशासन बेबस दिखा।

अधिकारियों के समझाने पर मानीं बहनें

एसडीएम सदर शैलेश दूबे और नायब तहसीलदार केके मिश्र के बहुत समझाने पर मानीं। पहले ठंड को देखते हुए रात में नौ बजे इन्हें वन स्टाप सेंटर में भेजने की बात की गई लेकिन यह लड़कियां कलेक्ट्रेट पर ही बैठने की जिद पर अड़ी रहीं। जिलाधिकारी ने बताया कि लड़कियों को महिला पुलिसकर्मियों के साथ कलवारी थाने में भेज दिया गया है। जहां पर लड़की के पिता और घरवालों को बुलाकर यह प्रकरण सुलझाने की कोशिश की जा रही है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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