सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने को-एजुकेशन यानी सह शिक्षा पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि लड़के और लड़कियों की साथ पढ़ाई से मुस्लिम लड़कियों में धर्म छोड़ने की प्रवृति बढ़ रही है। सबसे बड़ी बात तो उन्होंने कही कि एक प्रकार की साजिश मुसलमानों के खिलाफ की जा रही है। इस पर रोक के लिए तत्काल ऐक्शन की मांग भी उन्होंने कर डाली।
मदनी ने कहा है कि सरकार को इस प्रकार की स्थिति पर रोक लगाने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने चाहिए। जमीयत की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी छात्रों को तैयार किए जाने की जरूरत है।
मौलाना अरशद मदनी ने लड़के और लड़कियों की एक साथ पढ़ाई का विरोध किया है। मौलाना मदनी ने कहा है कि मुस्लिम लड़कियों को धर्म त्याग की ओर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि यह मुस्लिम लड़कियों में इस्लाम त्याग की भावना बढ़ा रही है। इस पर रोक लगाने के लिए और अधिक शिक्षण संस्थान में खोलने की जरूरत है। मुस्लिमों के खिलाफ पूरी प्लानिंग के साथ एक साजिश शुरू की गई है। इस प्लानिंग के तहत मुस्लिम लड़कियों को टारगेट किया जा रहा है। मौलाना मदनी ने कहा कि इसके लिए जल्द उपाय नहीं किया गया तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है।
मौलाना मदनी ने कहा कि यदि इस लालच और भावना को रोकने के लिए तत्काल प्रभावी कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले दिनों में स्थिति अधिक खराब होगी। इस्लाम त्यागने का लालच और साजिश को बढ़ावा मिल रहा है। इसलिए इसका विरोध कर रहे हैं। मौलाना मदनी के बयान की चर्चा तेज हो गई है। स्कूलों के को-एजुकेशन को लेकर इस प्रकार के बयान पर अब बहस तेज हो गई है।
समस्याओं में उलझने से विकास की राह में अवरोध
मौलाना मदनी ने कहा कि देश के कल्याण और शैक्षणिक विकास के लिए हम जो कुछ कर सकते हैं, करेंगे। एक राष्ट्र के रूप में इतिहास के महत्वपूर्ण बिंदु पर हम हैं। मौलाना मदनी ने आरोप लगाया कि हम तरह-तरह की समस्याओं में उलझ रहे हैं। हमारे लिए आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षणिक विकास के रास्ते रुक रहे हैं। इस मूक साजिश को नाकाम करना है। हमें सफल किया जाना है। उन्होंने कहा कि हमें अपने लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शिक्षण संस्थान स्थापित करने होंगे।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि शिक्षा हर युग में प्रगति की कुंजी रही है। इतिहास इसका गवाह है। हमें अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना होगा। इससे ही हम अपने खिलाफ होने वाली हर साजिश का करारा जवाब देंगे। बैठक में असम में नागरिकता अधिनियम और देश के पूजा स्थलों के संरक्षण अधिनियम को बरकरार रखने की लड़ाई लड़ने की योजना बना रहा है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."