राकेश तिवारी की रिपोर्ट
देवरिया। जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां के परिषदीय विद्यालय में एक टीचर 17 सालों से फर्जी प्रमाणपत्र के जरिए नौकरी कर रहा था। वहीं, जब एक व्यक्ति द्वारा इस बात की शिकायत की गई तो जांच विभाग और STF मामले की जांच में जुट गई। जांच में STF ने बड़ा खुलासा कर दिया। जिसके बाद BSA ने फर्जी टीचर को नौकरी से निकाल कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल देवरिया जिले में गौरीबाजार विकास खंड के कम्पोजिट विद्यालय अकटहिया में जितेंद्र कुमार मिश्र नाम का एक व्यक्ति सहायक अध्यापक के तौर पर काम कर रहा था। वहीं, इसी नाम से एक और व्यक्ति सिद्धार्थनगर जिले के विकास खंड नौगढ़ के प्राथमिक विद्यालय बभनी में काम कर रहा है। वहीं, जब इसके बाद दोनों की डिग्रियों की जांच की गई तो पता चला कि दोनों ने इंटर की परीक्षा 1984 में शिवपति इंटर कालेज शोहरतगढ़ सिद्धार्थनगर से पास की है।
इतना ही नहीं दोनों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, BSc और Bed के अनुक्रमांक और कॉलेज का नाम नंबर सब कुछ एक समान था। जिसके बाद इस बात की पुष्टि धेन्सा ग्राम प्रधान ने करके जितेंद्र कुमार मिश्र की सत्यापित फोटो (Photo), निवास प्रमाणपत्र (Residence Certificate) आदि ब्योरा BSA देवरिया को भेज दिया। इसके बाद दोनों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया, लेकिन कई बार नोटिस भेजने के बाद भी वह BSA के पास नहीं पहुंचे।
जानिए क्या कहते है BSA ?
इस मामले में जानकारी देते हुए BSA हरिश्चंद्र नाथ ने बताया कि भागलपुर ब्लॉक के नरसिंह डांड़ गांव के निवासी राम प्रवेश यादव ने 5 जनवरी 2022 को कार्यालय में शपथ पत्र के माध्यम से उक्त टीचर की शिकायत की थी। जिस पर गौरी बाजार क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय अकटहिया के सहायक अध्यापक जितेंद्र कुमार मिश्र पुत्र जनार्दन मिश्र के खिलाफ फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी गई। वहीं, मामले में जांच विभाग और STF द्वारा जांच कर आरोप की पुष्टि होने पर आरोपी टीचर जितेंद्र कुमार मिश्र को बर्खास्त कर दिया गया है। BSA ने आगे बताया कि अब तक जिले में 60 फर्जी टीचरों को बर्खास्त किया जा चुका है।
Author: samachar
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