दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
मेरठ। युवतियों में होली के बाद बियर और दीपावली के बाद ब्रीजर, वोदका लाइकोडीन के साथ सिमरन आफ या जिन काकटेल का चलन तेजी से बढ रहा है। कालेज गोइंग स्टूडेंट या फिर किसी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली युवतियों और महिलाओं में ड्रिंक कल्चर बढा है।
शहर में कई दुकानें हैं, जहां युवतियां, महिलाएं बियर या फिर जिन को खरीदने में कोई झिझक महसूस नहीं करती हैं। पॉश इलाकों और बाहरी क्षेत्रों में खुली शराब की दुकानों में युवतियां बिना झिझक खरीदती करती रहे।
मध्यम वर्गीय और महिला सोसाइटी का फैशन
शराब की दुकान में करीब 10 साल से सेल्समैन अजय का कहना है कि युवतियों के बीच अब अब यह फैशन बन गया है। खासकर मध्यम वर्गीय और हाई क्लास सोसाइटी में रहने वाली महिलाओं में ड्रिंक का चलन तेजी से बढ़ा है।
शराब की दुकान संचालक का कहना है कि आमतौर पर पहले युवतियां शराब की दुकानों से दूरी बनाती थी। मगर, अब ऐसा नहीं है। उनकी दुकान में आने वाले 15 खरीदारों में पांच युवतियां होती है। इनमे सबसे अधिक ऑफिस में काम करने वाली महिलाएं या कॉलेज की छात्राएं होती हैं। अब तक महिलाएं खुद यहां आकर शराब खरीदने में संकोच नहीं करती है।
वोदका, बियर और ब्रीजर की शौकीन
मेरठ में बड़ी संख्या में युवतियां और महिलाएं शराब की शौकीन हैं। अधिकांश युवतियां वोदका, बीयर या ब्रीजर पसंद करती है। वोदका की डिमांड महिलाओं में अधिक रहती है। इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। सर्दियों में महिलाएं वोदका अधिक पसंद करती हैं।
दोपहर को खरीदारी
सेल्समैन अजय का कहना है कि युवतियां आमतौर पर दोपहर में खरीदारी करने आती हैं। उसने बताया कि कुछ युवतियों ने उसका नंबर लिया हुआ है। जो पहले फोन कर देती हैं और उसको दुकान से बाहर बुलाकर बोतल खरीद लेती हैं। इसके बदले में उसको 20 से 50 रुपए अलग से मिल जाते हैं।
शौक के पीछे सामाजिक और मनौवैज्ञानिक पहलू
महिलाओं में इस लत और शौक के पीछे सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू भी हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि दरअसल, वो हर पल को इंजॉय करना चाहतीं हैं। यही वजह की पार्टियां और दोस्तों के बीच युवतियों और कॉलेज की लड़कियों में ड्रिंक का चलन बढ़ रहा है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."