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November 21, 2024 11:15 pm

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‘प्यार’ के लिए ‘खून’ का कत्ल ; बेटी ने दबाया मां का गला और ब्याय फ्रैंड ने मारा चाकू, आगे जैसा हुआ आप भी पढ़िए

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सुहानी परिहार की रिपोर्ट 

ग्वालियर। ‘मैं मां के ऊपर बैठ गई। मैंने उसका गला कस लिया। मां छटपटाती रही। बॉयफ्रेंड चाकू लेकर खड़ा हो गया। धमकी भी दी कि बात नहीं मानी, तो मार डालेंगे। थोड़ी देर बाद छटपटाहट भी बंद हो गई। हम घबरा गए। लगा कि मां बच गई, तो हम नहीं बचेंगे। फिर बॉयफ्रेंड ने चाकू से 6 से 7 वार किए।’

ये सनसनीखेज खुलासा 17 साल की लड़की ने पुलिस के सामने किया है। ग्वालियर हजीरा थाना क्षेत्र के गदाईपुरा में लड़की ने बॉयफ्रेंड सोनू के साथ मिलकर अपनी ही मां का कत्ल कर दिया। दैनिक भास्कर ने लड़की से बात की। उसने मर्डर वाली रात की जो कहानी बताई, वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है।

आगे बढ़ने से पहले मामला जान लेते हैं

हजीरा स्थित गदाईपुरा में एक मकान में ममता कुशवाह (45) अपनी 17 साल बेटी के साथ किराए के मकान में रहती थी। शनिवार रात कमरे का दरवाजा खुला था। सुबह से वह दिखाई भी नहीं दे रही थी। उसकी बेटी भी नहीं दिख रही थी। मकान मालिक ने जाकर देखा, तो कमरे में बेड के नीचे खून से सना कंबल था। उसमें शव पड़ा था। मकान मालिक ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामले में ममता कुशवाह की बेटी और उसके बॉयफ्रेंड सोनू (24) को गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपी बेटी की जुबानी, मां के मर्डर की कहानी

शुक्रवार रात 8 बजे की बात है। मैंने अपने दोस्त सोनू को घर बुलाया। यहां मैंने मां से कहा कि मैं सोनू से प्यार करती हूं, उसी के साथ रहूंगी। मां इसके लिए राजी नहीं थी। करीब डेढ़ घंटे तक हमारे बीच बहस होती रही। सोनू ने यह भी कहा कि पहले मुझ पर लगाया हुआ केस भी वापस ले लो। मां इस पर भी तैयार नहीं थी। रात 10 बजे बात बिगड़ी, तो सोनू धमकी देकर चला गया। मुझे भी बहुत गुस्सा आ रहा था। रात 11 बजे फिर सोनू को बुलाया। मां सो रही थी।

हमने तय किया कि मां को सिर्फ डराकर मनाने की कोशिश करेंगे। मैं सोती हुई मां के ऊपर बैठ गई। उसके दोनों हाथ पकड़ लिए। सोनू घर में सब्जी काटने वाला चाकू उठा लाया। इतने में मां जाग गई। मैंने फिर डराने की कोशिश की कि बात नहीं मानी, तो मार डालेंगे। फिर भी वह तैयार नहीं हुई। मैंने मां का गला पकड़ लिया। करीब 10 मिनट तक गला कसता रहा। वह छटपटाने लगी। सामने चाकू लेकर खड़े सोनू ने भी धमकी दी। कुछ देर बाद छटपहाट बंद हो गई। हमें लगा कि मां बेहोश हो गई। नब्ज चेक की, तो कुछ महसूस नहीं हुआ। फिर भी डर था कि अगर मां बच गई, तो हम नहीं बचेंगे। फिर तय किया कि मां को मार डालते हैं। सोनू ने मां के पेट-छाती और गले पर ताबड़तोड़ चाकू से वार किए।’ रात करीब 12 बजे तक मां ढेर हो गई।

रात 3 बजे शव के पास ही सो गए

मां को मारने के बाद हम दोनों कमरे में ही शव के पास बैठे रहे। अब इतनी रात को कहां जाते, इसलिए वहीं बैठकर बात करते रहे। रोना भी आ रहा था कि मां मान जाती, तो वह आज जिंदा होती। इस तरह रात के 3 बज गए। हमारी नींद लग गई। शनिवार सुबह 7 बजे नींद खुली। सोनू चला गया। करीब एक घंटे बाद मैं भी कमरे का ताला डालकर चली गई।

दिल्ली भागने की फिराक में थे

शाम को मैं फिर घर पहुंची। धीरे से दरवाजा खोला। शव को कंबल में लपेटा और पलंग के नीचे डाल दिया। इसके बाद अपने कुछ कपड़े लेकर दोबारा दरवाजा लगाकर चली गई। हमें रविवार सुबह ट्रेन से दिल्ली जाना था।

सोचा था, डराएंगे तो मान जाएगी

कोई बेटी नहीं चाहेगी कि वो अपनी मां की हत्या करे। मैं, सोनू से बहुत प्यार करती हूं। मैं उसके साथ शादी कर अलग दुनिया बसाना चाहती थी, लेकिन मां नहीं चाहती थी कि मैं उसे छोड़कर जाऊं। अपनी दुनिया में खुश रहूं। मां चाहती थी, मैं उसके साथ ही रहूं। उसका काम देखूं। बार-बार समझाने के बाद भी मां तैयार नहीं थी। मेरे दोस्त सोनू पर मां ने अपहरण, रेप का मामला जबरदस्ती दर्ज कराया था। इससे मैं ऊब गई थी। हत्या करने का मेरा इरादा नहीं था। ऐसा होता, तो सोनू ढंग का चाकू लेकर आता। मैंने सोचा था कि सोनू के साथ मिलकर मां को डरा दूंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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