विरेन्द्र हरखानी की रिपोर्ट
जोधपुर। युवा पहल संस्थान द्वारा एजुकेट गर्ल्स के सहयोग से संचालित प्रोजेक्ट प्रगति के उद्देश्यों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए अभियान में शामिल युवा प्रेरकों की एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन आज जोधपुर स्थित यूथ हॉस्टल, रातानाड़ा में किया गया. इस कार्यशाला में जोधपुर जिले के विभिन्न गाँवों से लगभग 50 अधिक युवक-युवतियों ने भाग लिया.
कार्यशाला में राजस्थान में लड़कियों की वर्तमान शैक्षिक और सामाजिक स्थितियों पर चर्चा की गई. वर्तमान सन्दर्भ में, महिलाओं और किशोरियों की सामाजिक और मानसिक स्थितियों को बेहतर तरीके से समझने के लिए पुरुष प्रेरकों के साथ ‘रिबन एक्टिविटी’ की गई. जिसमें ये समझाने की कोशिश की गई कि पुरुषों की तरह महिलायें भी समानता के अवसरों को प्राप्त करने का हक रखती है और यदि उन्हें पर्याप्त अवसर मिलें तो वो भी अपने परिवार का नाम रोशन कर सकती हैं, और आत्म-निर्भर बन कर परिवार को संबल प्रदान कर सकती है.
प्रोजेक्ट प्रगति की आवश्यकता क्यों है और किस तरह से ये प्रोजेक्ट माध्यमिक शिक्षा पूर्ण करने से वंचित रही स्कूल ड्रॉप आउट किशोरियों एवं युवा महिलाओं को मदद कर सकता है ?- इसके महत्व को प्रेरकों के साथ साझा किया गया.
एजुकेट गर्ल्स संस्था की प्रतिनिधि प्रियंका शर्मा ने प्रेरकों को संबोधित करते हुए बताया कि ऐसी किशोरियाँ एवं युवतियाँ जो शिक्षा से वंचित है और अब उनके पास स्कूल से वापस जुडने का कोई अवसर नहीं है, उनको ओपन स्कूलों के माध्यम से 10 वीं कक्षा पास करने और आगे की शिक्षा, कौशल और रोजगार के अवसरों तक पहुंचने के अवसर प्रदान करवाने के लिए प्रोजेक्ट प्रगति एक ‘दूसरा मौका’ बन कर आया है. प्रगति प्रेरक वही बन सकता है जो उसी क्षेत्र का स्थानीय निवासी हो, जहाँ पर इन किशोरियों और युवतियों को 10 वीं कक्षा पास करने हेतु ओपन स्कूल की परीक्षा में बैठने में सक्षम बनाने के लिए 4 से 6 महीने का कैंप लगाया जाता है, इस लिहाज से प्रोजेक्ट प्रगति के उद्देश्यों को सफ़ल बनाने की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी प्रेरकों के कन्धों पर है, क्योंकि एक प्रेरक ही है जो किशोरियों के साथ- साथ उनके अभिभावकों को भी जागरूक और प्रेरित किये रहता है.
युवा पहल संस्थान के मास्टर विमला बिश्नोई और वेद प्रकाश मेघवाल ने बताया कि एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला में शामिल हुए युवा प्रेरक अपने- अपने गाँव में 10वी पास करने की इच्छुक 15 से 25 वर्ष की किशोरियों एवं युवा महिलाओं को प्रोजेक्ट प्रगति कैंप से जोड़ कर उनको राजस्थान स्टेट ओपन स्कूलों के माध्यम से 10 वीं कक्षा पास करने हेतु मार्गदर्शन एवं सहयोग करेंगे.
16 नवम्बर को बाड़मेर में आयोजित एक दिवसीय आमुखीकरण में 75 प्रेरकों ने तथा 18 नवम्बर को यूथ हॉस्टल जोधपुर में आयोजित कार्यशाला में 50 प्रेरकों ने भाग लिया.
युवा पहल के उपाध्यक्ष राकेश भार्गव ने जानकारी दी कि युवा पहल द्वारा जोधपुर और बाड़मेर जिले में चयनित योग्य एवं सक्षम प्रेरकों के माध्यम से कुल 100 प्रगति शिविरों का आयोजन किया जायेगा. प्रत्येक प्रगति शिविर में 15 से 20 किशोरियों एवं युवतियों को शामिल किया जायेगा, जिन्हें 10वीं की परीक्षा पास करने हेतु पढाया जायेगा. आगामी जुलाई 2023 तक इन 100 शिविरों के माध्यम से लगभग 1600 किशोरियों एवं युवतियों को सरकार और समुदाय की सहयोग से लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
संस्था के संभागीय कार्यक्रम प्रभारी रमेश चंद मेघवाल ने बताया कि प्रेरकों द्वारा मोबिलाईजेशन की प्रक्रिया पूर्ण करते ही अंतिम रूप से चयनित प्रेरकों का 29 नवम्बर से 5 दिसम्बर 2022 के बीच तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जोधपुर और बाड़मेर में आयोजित किया जायेगा. कार्यशाला के समापन पर उपस्थित सहयोगियों और युवा प्रेरकों का आभार व्यक्त किया गया.
Author: samachar
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