सुहानी परिहार की रिपोर्ट
भोपाल । 17 साल के मुस्लिम लड़के के साथ एक 15 साल की हिंदू लड़की निकाह करने भागी। सागर में निकाह होना था। लेकिन गलत ट्रेन में बैठ जाने की वजह से दोनों मध्य प्रदेश के विदिशा में पकड़े गए। लड़की ढाई माह की गर्भवती है।
नाबालिग जोड़े को विदिशा में जीआरपी (Government Railway Police) ने पकड़ा। जाँच में सामने आया कि लड़की गर्भवतीहै। लड़के को भोपाल किशोर न्याय बोर्ड और लड़की को बाल कल्याण समिति भोपाल को सौंप दिया गया है।
चाइल्ड लाइन की काउंसलिंग में लड़की ने बताया, “हम दोनों साल भर से एक-दूसरे को जानते हैं। लड़के की माँ ने मुझसे कहा था कि जबसे तुम मेरे बेटे की जिंदगी में आई हो, उसकी हरकतों में सुधार होने लगा है। लड़का और उसकी अम्मी मुझ पर निकाह का दबाव बना रहे थे। लड़के की अम्मी ने यह भी कहा था कि निकाह कर लेगी तो बेटा चोरी और नशा करना छोड़ देगा। इसके बाद वह लड़के का धर्म परिवर्तन भी करवा देगी। लड़के की अम्मी के कहने पर मैं मजबूरी में उससे बात किया करती थी।”
विदिशा चाइल्ड लाइन की काउंसलर दीपा शर्मा ने बताया, GRP ने हमें सूचना दी थी। काउंसलिंग में पता चला कि 15 साल की लड़की और 17 साल के लड़के के बीच एक साल से अफेयर चल रहा है। दोनों भोपाल में एक ही मोहल्ले में रहते हैं। लड़का ऑटो चलाता है और चोरी के आरोप में पकड़ा जा चुका है। वह नशे का भी आदी है।
उन्होंने आगे बताया कि लड़की के माता-पिता में अलगाव हो गया है। माँ अस्पताल में काम करती है। ज्यादातर समय वह नाइट ड्यूटी में रहती है। मौका पाकर लड़का घर आ जाया करता था। यहाँ लड़की की बहनें भी रहती थीं, लेकिन उन्होंने कभी उसका विरोध नहीं किया और न ही माँ से कुछ कहा। इस दौरान उनके बीच संबंध भी बने। पकड़े जाने के बाद जब लड़की का मेडिकल करवाया गया तो वह गर्भवती निकली।
GRP के ASI मनोहर सिंह चौहान, हेड कॉन्स्टेबल शिवराज यादव सहित अन्य जवानों ने लड़की की माँ का फोन नंबर लेकर उससे बातचीत की तो पता चला कि वह परिजनों की अनुमति के बगैर ही दूसरे संप्रदाय के लड़के के साथ गई थी। वहीं, लड़के के घर वालों को इस बात की पूरी जानकारी थी। लड़के ने पूछताछ में बताया कि वह लड़की को लेकर अपनी एक रिश्तेदार के यहाँ सागर जा रहा था। इसके बारे में उसकी महिला रिश्तेदार को भी पूरी जानकारी थी। उसी ने कहा था कि लड़की को लेकर भोपाल से सागर आ जाओ।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."