राकेश तिवारी की रिपोर्ट
देवरिया ।कैटलिस्ट् कोचिंग क्लासेस, सलेमपुर रोड – चाँदपलिया मे बाल दिवस बड़े ही धूम धाम से मनाया गया।
बच्चो ने आयोजन के शुभारंभ मे केक काटा आयोजन के शुभारंभ के बाद कोचिंग के बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की गई।
कोचिंग के डायरेक्टर मधुसूदन त्रिवेदी ने बताया की पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से अगाध स्नेह था। उनका कहना था कि बच्चे भगवान के रूप होते हैं। चाचा नेहरू प्यार से बच्चों को गुलाब का फूल भी कहते थे। बच्चे भी उन्हें बेहद प्यार करते हैं। इसके लिए बच्चे भी उन्हें चाचा कहते हैं।
फिजिक्स के अध्यापक क्यास श्रीवास्तव ने बताया कि भारत में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन चाचा नेहरू का जन्मदिन है। भारत में 14 नंवबर 1959 को पहली बार बाल दिवस मनाया जाता है।
फिजिक्स एवं मैथ्स के अध्यापक राजू भारती ने बताया की बच्चे देश के भविष्य होते हैं। इसीलिए देश के स्वर्णिम विकास के लिए बच्चों का विकास जरूरी है।
केमिस्ट्री के अध्यापक डॉ कर्मवीर चौहान ने बताया की बच्चों ने भिन्न-भिन्न पोस्टर्स बैनर प्रोजेक्ट्स के माध्यम से बाल दिवस पर अपना अपना हुनर दिखाया।
अध्यापिका काजल कुशवाहा ने भी अपना विचार रखा।
कार्यक्रम के अतिथि अमरेंद्र मौर्य, सच्चितानंद भारती ,विपिन सिंह , दुर्गा पांडे ,अभिषेक गुप्ता, सोनू कुशवाहा ,सूरज गुप्ता।
राइट पथ क्लासेस सलेमपुर से भी अतिथि के रूप में जया वर्मा, ज्योति , नेहा कुशवाहा, गीतांजलि, संजीव, आशीष विश्वकर्मा, हमजा ,रजत आदि रहे।
गणेश स्तुति, सरस्वती वंदना, चाचा नेहरू के अलग-अलग डायलॉग्स पोस्टर एवं पुलवामा हमले पर नाटिका प्रस्तुत कर बच्चों ने सभी का मन मोह लिया।
संस्थापक सर्वेश द्विवेदी ने सबका आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में खुशी कुशवाहा , नेहा कुशवाहा, विनय कुशवाहा, प्रियंका कुमारी कुशवाहा,प्रवीण त्रिवेदी, ऋषभ, आकांक्षा , सौम्या, अन्नू , साक्षी , आयुष ,आदित्य गुप्ता ,रानी गुप्ता ,आर्यन, अनूप शर्मा ,दीपक यादव, सत्यम यादव , अनामिका, अमन ,बृजेश, पलक ,स्नेहा, दिव्यांशु ,आदित्य ,नितेश, विकास शाह, प्रीति कुशवाहा, आराधना कुमारी, खुशबू कुमारी, अंशु गुप्ता, सोनू कुमार ,पायल कुमारी, विशाल यादव ,चांदनी कुमारी ,अंकिता यादव ,रूबी भारती ,शिवांगी यादव ,पूजा यादव, आदि सैकड़ो बच्चो ने भाग लिया l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."