दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
अयोध्या। भारतीय समाजसेवी एवं राष्ट्रीय लोक आंदोलन के संस्थापक पद्मभूषण अन्ना हजारे ने अब अयोध्या को अपनी प्रयोगशाला बनाने का निर्णय किया है। वह यहीं से देशव्यापी एवं आदर्शवादी संगठन की पृष्ठभूमि तैयार करेंगे।
उनकी मुहिम को धार देने के लिए उनकी सहयोगी एवं राष्ट्रीय लोक आंदोलन की कार्याध्यक्ष कल्पना इनामदार बुधवार को सेवानिवृत्त आईएएस एवं पंचगव्य विद्यापीठ, तमिलनाडु के कुलपति डा. कमल टावरी उपाख्य भाई कमलानंद के साथ यहां पहुंची है।
रामवल्लभाकुंज में अधिकारी राजकुमार दास महाराज से आर्शीवाद लेने के बाद मीडिया से बातचीत में सुश्री इनामदार ने बताया कि उनका उद्देश्य देशव्यापी संगठन का आदर्शवादी स्वरूप तैयार करना है और इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों के ऐसे विश्वसनीय लोगों की टोली खड़ी करना है जिन्होंने समाज जीवन में सामाजिक हितों के लिए काम किया है अथवा कर रहे है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक रुप से विश्वसनीय लोगों का ही प्रभाव आम जनजीवन में होता है और लोग भरोसे के साथ बातों की गंभीरता को सुनने व समझने की कोशिश करते है। वहीं भाई कमलानंद ने कहा कि समाज में विश्वसनीयता का संकट है। समाज में अच्छे और विचारवान लोग है लेकिन उन्हें उनके मुताबिक मंच नहीं मिल रहा है। हम उन्हें अवसर देंगे और उनकी क्षमताओं का समाज हित में उपयोग कर सकेंगे। इस मौके पर मौजूद अधिवक्ता कमलेश सिंह ने बताया कि सबसे पहले संगठन की नींव अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा की परिधि में रखी जाएगी।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."