टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
एक करोड़ के बंगले में रहती है राधा। देसी घी से बने लड्डू खाती है। चार लोग 24 घंटे इसकी सेवा में लगे रहते हैं। थोड़ी सी भी परेशानी हाेती है तो डॉक्टरों की टीम को बुला लिया जाता है। हम बात कर रहे हैं जालोर के रानीवाड़ा में धानोल के बिजनेसमैन के घर में रहने वाली गाय की।
बिजनेसमैन नरेंद्र पुरोहित मुंबई में बीएमसी में कांट्रैक्टर और इलेक्ट्रिक टू व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग का बिजनेस हैं। उन्होंने बताया कि बचपन से ही मेरा गाय के प्रति लगाव है।अक्सर पथमेड़ा गोशाला में जाता था। साल 2015 में सोचा कि क्यूं न गाय को घर लाए।
फिर क्या था गोशाला में गाय देखी और उसे लाने की तैयारी की। गांव से बारात लेकर गोशाला पहुंचे। बैंड बाजे के साथ गाय को लेकर घर पहुंचे। घर पहुंचने पर दत्तशरणानंद महाराज का आशीर्वाद लिया। घर लाने पर इसका नाम राधा रखा। जब घर लाए राधा की उम्र दो साल थी।
घर में आते ही सब कुछ बदल गया
पुरोहित ने बताया कि गाय के घर में आते ही बिजनेस में बढ़ोतरी हुई। सब कुछ अच्छा लगने लगा। जिसके बाद से राधा के भक्त हो गए और वह उनके परिवार की सदस्य बन गई।
पत्नी विमला पुरोहित, बेटियां सपना, निकिता और दो बेटे परेश और अभिजीत राधा की रोजाना आरती करते हैं और उसको देखे बिना खाना तक नहीं खाते हैं।
इसके लिए बंगले में CCTV लगा रखे हैं। जिनसे वे राधा को दिन में कई बार देखते हैं। महीने में 10 दिन गांव आते हैं और गाय के साथ रहते हैं। जब से मुंबई चले जाते हैं तो बिजनेसमैन के पिता करना और मां डाई देवी इसकी सेवा करते हैं।
राधा 1 करोड़ के बंगले में रहती है
बिजनेसमैन ने दो साल पहले 266 गज में एक करोड़ रुपए खर्च कर बंगला बनवाया। राधा इस बंगले में रहती है। वह बंगले के हर कमरे में घूमती रहती है। जहां मन करता है, वहां बैठ जाती है।
उन्होंने बताया कि यहां आने के बाद राधा के तीन बछड़ी हुई। जिनका नाम हमने मीरा, सोमा और गोपी रखा। ये सभी नाम से दौड़े चले आते हैं। राधा रोजाना 10 लीटर दूध देती हैं। जिसमें से सिर्फ ढाई लीटर ही निकालते हैं। बाकी का दूध बछड़ियों के लिए छोड़ देते हैं।
खाने में केवल लापसी और लड्डू
राधा पूरे ठाठ बाट से रहती है। खाने में वह केवल देसी घी से बनी लापसी और लड्डू खाती है। कभी-कभी सूखा चारा दिया जाता है, लेकिन वह नाम मात्र का खाती है।
खाना खाने के लिए वह बाकायदा बंगले में ही आती है। यदि बाहर खाना दिया जाए तो वहां से उठकर बंगले में आ जाती है।
वह लापसी और लड्डू भी तभी खाती है जब उसे थाली में परोसकर दिया जाए। खास बात ये है कि गोबर और पेशाब वह बंगले से बाहर आकर ही करती है।
देखरेख के लिए लगा है स्टाफ
राधा के अलावा नरेंद्र पुरोहित के पास 27 गायें और भी हैं। जो बंगले के बाहर फार्म हाउस में रहती है। उन सभी की देखभाल के लिए लोगों को लगा रखा है, लेकिन राधा के लिए अलग से चार लोग लगे हैं।
जो राधा को नहलाने, पैर दबाने, मालिश करने, श्रृंगार करने, सफाई करने और खाना खिलाने का काम करते हैं। जब पुरोहित गांव आते हैं तो खुद राधा की आरती करते हैं।
इसके बाद पूरा परिवार राधा के पैरों के नीचे निकलता है। इस दौरान राधा एकदम शांत खड़ी रहती है।
राधा की नस्ल के नाम पर बनाए इलेक्ट्रिक व्हीकल
करीब चार महीने पहले ही नरेंद्र पुरोहित ने अहमदाबाद में इलेक्ट्रिक टू व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग का काम शुरू किया है। इस व्हीकल को सुरभि नाम दिया गया है।
दरअसल, राधा सुरभि नस्ल की गाय है। उसी के नाम पर उन्होंने यह बिजनेस शुरू किया है। गायों के प्रति इस परिवार का इतना प्रेम है कि गोशालाओं में हर साल लाखों रुपए दान किए जाते हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."