कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ। शहर की 115 खराब सड़कों को लेकर नगर निगम व पीडब्ल्यूडी में रार मची है। हैंडओवर लेने के बाद पीडब्ल्यूडी इन सड़कों को नहीं बना रहा है। उधर नगर निगम के पास इन्हें बनाने के लिए बजट नहीं है। डीएम के निर्देश को भी पीडब्ल्यूडी ने दरकिनार कर दिया है। अब नगर आयुक्त ने एक बार फिर प्रमुख अभियन्ता पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखकर अपनी खराब वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए इन सड़कों को बनवाने को कहा है।
वर्ष 2020 में पीडब्ल्यूडी को कुल 172 सड़कों को हैंडओवर करने का फैसला हुआ था। तत्कालीन नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन अरैी पीडब्ल्यूडी मंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच बैठक के बाद इन सड़कों के हैण्डओवर फैसला हुआ था। नगर निगम ने 10 अगस्त 2020, 31 जुलाई 2020 तथा 12 अक्टूबर 2020 को सड़कों को हैंडओवर के लिए पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा। इसके बाद इन 172 मार्गों का लोक निर्माण विभाग तथा नगर निगम की संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया था। नगर निगम ने इनका तकनीकी विवरण भी लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध करा दिया। इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने 57 मार्गों को ले लिया। लेकिन शेष 115 मार्गों को लेने से मना कर दिया। जबकि स्थानांतरण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी थी। पीडब्ल्यूडी विभाग के शासन के अफसरों ने बजट की कमी बताते हुए इसे हैंडओवर से मना कर दिया। 11 मई 2022 को प्रमुख सचिव नगर विकास ने भी इन 115 सड़कों शीघ्र हैण्डओवर के लिए लोक निर्माण विभाग से अनुरोध किया था। इसका भी कोई असर उस पर नहीं हुआ। अब यह 115 सड़कें फंस गई हैं। इनके बनने की अभी कोई उम्मीद नहीं है।
डीएम ने भी दिया निर्देश, फिर भी पीडब्ल्यूडी तैयार नहीं
जिलाधिकारी ने भी लोक निर्माण विभाग को इन सड़कों को बनाने का निर्देश दिया है। डीएम ने 3 अक्टूबर 2022 को बैठक में लोक निर्माण विभाग के अफसरों को इन सड़कों को लेने का निर्देश दिया। उनकी बैठक के बाद 6 अक्टूबर 2022 को नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को पत्र भी लिखा। फिर भी लोक निर्मााण विभाग इन्हें बनाने को तैयार नहीं।
सड़कें लोक निर्माण विभाग को दे दी गईं थीं। हैंड ओवर की प्रक्रिया भी लगभग हो गई थी। कुल 115 सड़कें ऐसी हैं जिसे पीडब्ल्यूडी नहीं बना रहा है। मामले में नगर आयुक्त ने प्रमुख अभियंता पीडब्ल्यूडी को भी लिखा है। निगम की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है। फिर भी वह सड़कें बना रहा है।
यह हैं कुछ प्रमुख सड़कें
हुसैनगंज तिराहा से लाटूश रोड तक, लाटूश रोड तिराहे से श्री राम रोड तिराहा अमीनाबाद, श्रीराम तिराहा से प्रकाश कुल्फी चौराहे तक, नादान महल मार्ग से अमीनाबाद पुलिस चौकी होते हुए कैसरबाग बस स्टेशन चौराहे तक, कैसरबाग गोल चौराहे से रॉयल होटल चौराहे तक, हुसैनगंज चौराहे से कैसरबाग चौराहा, सिटी स्टेशन होते हुए मेडिकल कॉलेज तक, केडी सिंह बाबू स्टेडियम से चिरैया झील तक, पुरानिया चौराहा से स्वाद रेस्टोरेंट, सेक्टर क्यू एवं राम राम बैंक चौराहा होते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे तक, कुर्सी रोड सब्जी मंडी से पलटन छावनी के सामने तक, सीतापुर रोड से राम राम बैंक चौराहा होते हुए उस्मान एनक्लेव सेक्टर एम तक, कपूरथला चौराहे से चुन्नीलाल चौराहे होते हुए गोल मार्केट तक, मुंशी पुलिया चौराहे से अरविंदो पार्क होते हुए पानी गांव तक, नाबार्ड से सेक्टर जी चौराहा होते हुए पराग तिराहे तक, दुर्गापुरी तिराहे से नीलमथा टेंपो स्टैंड तक, पकरी चौराहे से बदनाम लड्डू होते हुए कानपुर मार्ग तक, रायबरेली रोड से किला चौराहा होते हुए कानपुर मार्ग तक, पराग मार्ग से लोक बंधु हॉस्पिटल चौराहा होते हुए अपोलो अस्पताल तक, बांग्ला बाजार चौराहा से कानपुर रोड तक, बिजनौर मार्ग से आशियाना चौराहे तक, बिजनौर मार्ग से पराग डेयरी चौराहा होते हुए हिंद नगर तिराहे तक।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."