राकेश भावसार की रिपोर्ट
तीनों में से एक भले ही नासिक नगर निगम का कर्मचारी होने का दावा कर रहा था, लेकिन भीड़ ने डटकर तीनों को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। उसके बाद पता चला है कि गलतफहमी के चलते यह घटना हुई है।
इस बीच जिले में ही नहीं प्रदेश में भी जब बच्चों के अपहरण का कोई मामला सामने नहीं आ रहा है तो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अफवाहों के चलते मारपीट की घटनाएं हो रही हैं।
हालांकि, पेठ पुलिस ने नागरिकों से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की है।
नासिक नगर पालिका के एक कर्मचारी की बहन को पेट की समस्या है। उनका पिछले तीन वर्षों से पेठ तालुका के बागाचा पाड़ा में नामदेव गावित (महाराज) द्वारा इलाज किया जा रहा है। उसके लिए तीन लोग, दो पुरुष और एक महिला, बाघापाड़ा जा रहे थे। वह इनामबाड़ी से पास हुए, उसी सड़क के किनारे एक आश्रम स्कूल है। इस आश्रम स्कूल की लड़की ने तीनों को जाते देखा।
महिला ने काले रंग की ड्रेस पहनी हुई थी, तो लड़की को शक हुआ और उसने अपने माता-पिता को मामले की जानकारी दी। जब तीनों बगीचे से लौट रहे थे, तो उन्हें इनामबाड़ी के नागरिकों ने रोक लिया और अपहरणकर्ताओं के रूप में उनकी पिटाई कर दी। इस बार नासिक के व्यक्ति ने अपना पहचान पत्र दिखाया, हालांकि भीड़ सुनने के मूड में नहीं थी। इस बारे में पेठ पुलिस से संपर्क किया गया।
पुलिस इनामबाड़ी पहुंची और तीनों को हिरासत में ले लिया। जांच में तीनों के द्वारा जानकारी दिए जाने पर पता चला कि घटना किसी गलतफहमी के कारण हुई है। साथ ही इस मौके पर बागचा पाड़ा के नामदेव गावित को भी आमंत्रित किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि उक्त व्यक्ति गुजरात के नवसारी में रहने वाली अपनी बहन को पिछले तीन साल से ला रहा है। इस मामले में पुलिस ने भीड़ से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की।
Author: samachar
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