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18 January 2025 12:30 pm

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मां ने डांट क्या दिया युवक ने उठा लिया ऐसा कदम कि किसी को उम्मीद नहीं थी…

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

बांदा।  जिले से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां मां की डांट से आहत एक युवक ने खौफनाक कदम उठा लिया। बताया जाता है कि, हाल में युवक का विवाह तय किया गया था। गांव के बाहर युवक ने पेड़ से लटककर जान दे दी। युवक का शव पेड़ पर लटका देख ग्रामीणों ने पुलिस और परिजनों को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने युवक के शव को फंदे से उतरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, युवक की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया।

परिजनों को यकीन नहीं हो रहा कि युवक जरा सी बात पर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेगा। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। जानकारी के अनुसार, कोतवाली इलाके के शिवपुर (पनगरा) गांव के रहने वाले दीपू पुत्र बल्देव ने मां की डांट से नाराज होकर फांसी लगाकर जान दे दी। उसने घर से पांच किलोमीटर दूर यह खौफनाक कदम उठाया।

परिजनों ने चार दिन पहले युवक का तय किया था रिश्ता

परिजनों ने बताया कि, वह शुक्रवार की शाम बाइक से बिना बताए घर से चला गया था। देर रात तक वह घर नहीं लौटा। इस पर परिजनों ने उसकी तलाश की। लेकिन युवक का कहीं कुछ पता नहीं चला। शनिवार को रिसौरा गांव के पास उसका शव पेड़ पर लटका मिला। ग्रामीणों ने युवक का शव पेड़ से लटका देख पुलिस को सूचना दी। 

सूचना मिलने पर युवक के परिजन और पनगरा ग्राम प्रधान जगदीश प्रसाद यादव मौके पर पहुंचे। कोतवाली प्रभारी मनोज शुक्ला ने शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। पुलिस को घटनास्थल से मृतक की बाइक और शराब की बोतल मिली है। मृतक के पिता के अनुसार, शुक्रवार शाम किसी बात पर उसकी मां से कहासुनी हो गई थी, इस वजह से नाराज होकर उसने खुदकुशी की है। चार दिन पहले दीपू की शादी के लिए रिश्ता भी तय किया था।

बोरियां बांधने के बहाने खरीदी थी रस्सी

पिता ने बताया कि दीपू बोरियों में बालू भरकर लाता था और उसे बेचकर परिवार का खर्च चला रहा था। दीपू दो भाइयों में बड़ा था। दीपू के नाराज होकर घर से जाने की बात परिजनों ने उसके दोस्तों को भी बताई थी। इस पर दोस्त दीपू को बुलाने गए थे। लेकिन उसने दोस्तों से रात में आने की बात कही थी। इसके बाद दीपू ने नरैनी की एक दुकान से नायलॉन की रस्सी खरीदी थी। उसने कहा था कि, बाइक पर बालू की बोरियां बांधने के लिए यह रस्सी खरीदी है। इस वजह से दोस्तों को अनहोनी का संदेह नहीं हुआ।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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