दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बलरामपुर। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल एक दिवसीय दौरे पर बलरामपुर पहुंची। उनके साथ प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण भी थे। पुलिस लाइन में जिलाधिकारी महेन्द्र कुमार और एसपी राजेश सक्सेना ने राज्यपाल का स्वागत किया। राज्यपाल ने कृषि उत्पादन मंडी समिति में एफपीओ केंद्र का शुभारंभ किया।
राज्यपाल ने समाज कल्याण, स्वास्थ्य विभाग आदि द्वारा लगाई गई विकास प्रदर्शनी का भी जायजा लिया। राज्यपाल ने दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सदर विधायक पलटूराम , तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ला जिला पंचायत अध्यक्ष आरती तिवारी ने बुके देकर राज्यपाल का स्वागत किया।
छात्राओं ने स्वागत गीत पेश किया
कार्यक्रम में थारू जनजाति के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक नृत्य पेश किया गया। एमएलके कॉलेज की छात्राओं ने स्वागत गीत पेश किया। उन्होंने एमएलके कॉलेज में आयोजित समारोह में थारू जनजाति के लोगों को वनाधिकार पत्र सौंपे। राज्यपाल ने एनर्जी फार्मर प्रोजेक्ट के किसानों को प्रमाण पत्र भी बांटे।
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जेल में बंद विचाराधीन कैदियों से मुलाकात
राज्यपाल का जिला कारागार भी जाने का कार्यक्रम है। जहां वह जेल में बंद विचाराधीन कैदियों से मुलाकात कर उनसे वार्ता भी करेंगी। राज्यपाल आंगनवाड़ी केन्द्र कलवारी भी जाएंगी। जहां बच्चों और उनके अभिभावकों से भी मुलाकात करेगी का कार्यक्रम है।
इन्होंने किया स्वागत
समारोह में कपिल वस्तु विश्व विद्यालय के कुलपति हरि बहादुर श्रीवास्तव , कालेज के संरक्षण महाराजा जयनेंद्र प्रताप सिंह , पूर्व सांसद दद्दन मिश्रा , कालेज के प्राचार्य जेपी पांडेय , एसपी राजेश सक्सेना आदि ने राज्यपाल का स्वागत किया ।
नवजात को स्तनपान कराए
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के साथ प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण भी शामिल हुए। जहां महारानी लाल कुंवर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राज्यपाल ने कहा कि हम 1 सितम्बर को हर वर्ष स्तनपान दिवस मनाते हैं, लेकिन बहुत कम महिलाएं है जो अपने बच्चों का स्तनपान करती हैं। जबकि प्रसव होने के एक घंटे बाद महिलाएं अपने नवजात को स्तनपान कराए तो नवजात के लिये अमृत के बराबर होता है।
आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों की संख्या बढ़ाने की जरूरत
स्तनपान यदि होता रहे तो हमें पोषण दिवस मनाने की आवश्यकता ही न पड़े। उन्होंने बच्चों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि बच्चों की आंगनबाड़ी केंद्र पर संख्या बढ़ाने की जरूरत है। हम सबका दायित्व है कि सभी बच्चों का स्कूल में प्रवेश हो। राज्यपाल ने मातृ भाषा की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने काफी सोच समझकर कर नई शिक्षा नीति लागू की है।
5वीं क्लास तक बच्चे अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करें
जिससे 5वीं क्लास तक बच्चे अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करें। उन्होंने कहा कि जापान, चीन जैसे तमाम देशों में बच्चा अपनी पढ़ाई की शुरुआत मातृभाषा में करता हैं। जबकि हमारे यहां बच्चों को अंग्रेजी की पढ़ाई करने पर जोर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हमें सोशल परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। इसके लिये बच्चों को जेल का भ्रमण कराना चाहिये। जिससे बच्चे अपराध से दूर रहें।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."