राकेश तिवारी की रिपोर्ट
देवरिया। शहर के अंसारी रोड में जिस जर्जर मकान के ढ़हने से तीन लोगों की जानें गई हैं, उसकी मालिक मझगांवा की गायत्री देवी थीं। उन्होंने मकान को 16 अगस्त 1951 को गोरखपुर के शेखपुर निवासी अपने रिश्तेदार अनिल कुमार गोयल को हिब्बानामा (दानपत्र के जरिये बैनामा) कर दिया। अनिल कुमार गोयल ने 28 मई 1996 को शहर के मालवीय रोड निवासी स्व.कुलदीप नारायण बरनवाल को बैनामा कर दिया।
भरभराकर गिरे जर्जर मकान में पूरे परिवार की बन गई समाधि ; इलाके में मचा कोहराम
प्रभावती देवी को विश्वास नहीं हो रहा था कि एक पल में सबकुछ खत्म हो जाएगा। संयोग था कि वह हादसे के कुछ मिनट पहले लघुशंका के लिए बाहर निकल आईं। जिससे उनकी जान बच गई। वह अपने जिगर के टुकड़ों को खोकर बदहवास हो गई थीं। लोग उन्हें सांत्वना दे रहे थे। बगल वाले कमरे में सो रहे उनके दूसरे पुत्र मनोज गोंड व उनका परिवार बाहर निकल आया। स्वजन की चीख पुकार से माहौल गमगीन हो गया।
बारिश की वजह से गिरे मकान में हताहत के परिजनों को मिली सरकारी सहायता
भोर के समय चारों तरफ सन्नाटा पसरा था। लोग गहरी नींद में सो रहे थे। अचानक तेज धमाका हुआ। अनहोनी की आंशका से मां प्रभावती देवी सिहर उठीं। मुड़कर देखा तो जिस कमरे से कुछ क्षण पहले निकली थीं। वह मलबे में तब्दील हो चुका था। उन्हें अहसास हो चुका था कि उनकी दुनिया उजड़ गई है। वह छाती पीटकर चीखने चिल्लाने लगीं। उनके मुंह से एक ही शब्द निकल रहा था, बाबू हमरी आंखिन के सामने हमार दुनिया उजड़ गईल। इस घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी दुख जताया है। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में गम का माहौल। पीड़ित परिवार से सहानुभूति जताने वालों का तांता लगा हुआ है।
Author: samachar
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