दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
2022 मानसून अब लौटने को तैयार है। आज शाम को इस साल के मानसून लौटने का करवट लेते हुए मध्यम बारिश होगी। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की माने तो यह मानसून की आखिरी बारिश होगी। इस साल मानसून की धीमी गति से किसानों के ऊपर बहुत असर पड़ा है।
20 दिन देर से आए मानसून की वजह से किसानों की फसलें देर से बुआई हो पाई। फिलहाल मानसून की जाते-जाते आखरी तीन दिनों में हुई बारिश का असर किसानों पर उल्टा पड़ा है। बीते 24 घंटे में जहां 1.1 मिलीमीटर बारिश हुई। तो वहीं मंगलवार को प्रदेश में 15 जिलों में मामूली बारिश का अलर्ट जारी किया गया।
उत्तर प्रदेश में मानसून 20 दिन लेट से आया था। इसकी वजह से किसान सबसे ज्यादा नुकसान का सामना उठाते रहे। मानसून की धीमी रफ्तार की वजह से पूरे प्रदेश में इस साल खूब गर्मी और उमस भरी गर्मी के सामना लोगों को करना पड़ा। शुरुआत में औसत अनुमान से करीब 50% कम बारिश होने का आंकड़ा सामने आ रहा था। जो बीच में मामूली बारिश होने की वजह से 46 से 47 % पर आकर अटक गया था। फिलहाल मानसून इन 90 दिनों की टाइम टेबल में आखरी के 10 दिन में हुई बारिश की वजह से अब पूरे प्रदेश भर में करीब 37% कम बारिश होने का रिकॉर्ड सामने आया है।
अगर बारिश होने के रिकॉर्ड पर हम बात करें तो अब तक 37% बारिश पूरे प्रदेश भर में अनुमान से कम हुई है। यानी 711.7 मिलीमीटर बारिश का अनुमान कब तक होने का था। लेकिन 449.5 मिलीमीटर बारिश ही पूरे प्रदेश भर में इस बार मानसून शुरू होने से अब तक यानी 20 सितंबर तक हो सकी है। बात करें तो उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों में 34% बारिश कम हुई है। तो वहीं पश्चिम के जिलों की बात करें तो 42% बारिश कम हुई है। इस बार पूर्वांचल में बारिश का रिकॉर्ड पश्चिम के जिलों से अच्छा रहा।
3 दिशाओं से उठ रही हवाओं के दिखा इस साल असर उत्तर प्रदेश में मानसून कमजोर था इसके पीछे मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अलग-अलग दिशाओं से उठ रही हवाओं की वजह से नमी न बन पाना बड़ा कारण था। आंचलिक विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता बताते हैं कि बंगाल की खाड़ी से उठ रहे चक्रवात और अरब सागर से उठ रही सर्द हवाओं की वजह अक्सर मानसून बनने वाली नमी एक दूसरे में टकरा जाती।
जिसकी वजह से बारिश होने के अलर्ट भी कई बार फेल हुए। राजस्थान की दिशा से उतरी हवाओं की वजह से भी कई बार उत्तर प्रदेश में मानसून की बारिश का अनुमान फेल हुआ। जिसकी वजह से इस साल मानसून कमजोर रहा।
मौसम विभाग के मुताबिक आज पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बारिश की संभावना है। इन इलाकों में निम्न दवाब का क्षेत्र बना हुआ है। बाकी जगहों पर मौसम सामान्य रहेगा और कहीं-कहीं बादल छाए रह सकते हैं। जिन इलाकों में बारिश होगी वहां तेज हवाएं चलेगी और गरज के साथ छीटें भी पड़ सकते हैं। इसके अलावा कुछ इलाकों में ओलाविष्टि की भी संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 3 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि ओडिशा के तटीय इलाकों और उत्तरी आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 19 से 21 तारीख तक बारश की संभावना है। इसके अलावा विदर्भ, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में 20, 21 और 22 सितंबर को भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने आने वाले तीन दिनों में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बारिश की संभावना जताई है।
Author: samachar
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