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14 March 2025 8:34 pm

“जिस दिन मैं अपनी फकीरी छोड़ दूंगा, जान बचाना मुश्किल हो जाएगा, ये है मेरठ, रावण का ससुराल”

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

उत्तर प्रदेश के मेरठ पहुंचे जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिलने के लिए बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी सर्किट हाउस पहुंचे। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इस पर सांसद भड़क गए और पुलिसकर्मियों से बहस करने लगे। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े तीसमारखां देखे हैं ये मेरठ है रावण का ससुराल। इस मामले का वीडियो वायरल हो रहा है। घटना के बाद पुलिस के आला अधिकारी उन्हें समझाने की कोशिश करते नजर आए।

बता दें, रविवार (11 सितंबर, 2022) को बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, राज्यसभा सांसद और पार्टी के झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिलने स्कूटी से उत्तर प्रदेश के मेरठ के सर्किट हाउस पहुंचे थे। इस दौरान मेन गेट पर तैनात कुछ पुलिसकर्मियों ने उसे रोका, जिस पर वह भड़क गए। इसके बाद सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया उन्हें मनाते नजर आए।

वायरल वीडियो में उनका गुस्सा साफ देखा जा सकता है। अपनी ही सरकार की पुलिस के रोकने पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘इनको गाड़ी वाले सांसद पसंद हैं, क्योंकि वह माल खाते हैं और खिलाते हैं। हम न तो माल खिलाते हैं। हम न तो लेते हैं और न ही पैसे देते हैं।

बाजपेयी ने आगे कहा, ‘जिस दिन मैं अपनी फकीरी छोड़ दूंगा, जान बचाना मुश्किल हो जाएगा। मैंने कई बड़े तीस मारखां देखे हैं, ये है मेरठ, रावण का ससुराल। अच्छे-अच्छे यहां से चले गए। यह रावण का ससुराल है और मुझे कबड्डी खेलने की आदत है। मैं ट्रांसफर कराने वाला नेता नहीं हूं। मैं इसे यहीं रखूंगा और अपनी छाती पर खड़े होकर नाचूंगा। हालांकि घटना के बाद पुलिस अधिकारी खेद जताते हुए उन्हें अंदर ले गए।

बता दें, भारतीय जनता पार्टी ने पिछले अभी हाल ही में देशभर के 15 राज्यों में पार्टी प्रभारी के चेहरे में बदलाव किया है। झारखंड में सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी को प्रदेश बीजेपी का नया प्रभारी बनाया गया है।

लक्ष्मीकांत के नेतृत्व में बीजेपी ने 2014 में 80 में से 71 लोकसभा सीटें जीती थीं

1964 से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने बीजेपी में विधायक से लेकर यूपी प्रदेश अध्यक्ष जैसे बड़े पदों की जिम्मेदार को निभाया है। इसके अलावा वे 2022 में चुनाव प्रभारी तक बनाए गए थे। साल 2012 में यूपी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में लक्ष्मीकांत बाजपेयी पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक थे। उनके नेतृत्व में ही बीजेपी ने 2014 में 80 में से 71 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."