राकेश तिवारी की रिपोर्ट
देवरिया। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो लाख रुपये का अनुदान प्राप्त करने के बाद भी आवास निर्माण न करने वाले 16 लाभार्थियों को वसूली की नोटिस दी गई है। उन्हें सात दिन के भीतर निर्माण कार्य पूर्ण करना होगा अन्यथा अनुदान में दी गई धनराशि की वसूली भू-राजस्व की भांति की जाएगी।
परियोजना अधिकारी डूडा विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि जनपद देवरिया के नगर पंचायत भटनी बाजार एवं नगर पंचायत मझौलीराज मे स्थलीय निरीक्षण कर ऐसे लाभार्थी जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) आवास निर्माण हेतु इनको विभाग द्वारा दो किश्तो में रू0 2.00 लाख की धनराशि दी गयी है, परन्तु अभी तक इन लोगों ने अपने आवास का निर्माण नींव लगाकर अथवा दीवार चलाकर अधूरा छोड़ा है, जिसमे नगर पंचायत- भटनी बाजार के 48 लाभार्थी मे से 5 लाभार्थी ऐसे है जो निर्माण कार्य बिल्कुल नही करा रहे है जिनका नाम कुलशुम पत्नी सत्तार, रेहाना खातुन पत्नी जुम्मन, सीमा पत्नी अरविन्द्र, फरिजा खातुन पत्नी जुम्मन मिया, सीमा पत्नी प्रमोद यादव एवं नगर पंचायत मझौलीराज 221 लाभार्थी पाये गये जो अभी तक नींव लगाकर अथवा दीवार चलाकर छोड़ दिये है 11 लाभार्थी ऐसे है जो निर्माण कार्य विल्कुल नही करा रहे है जिनका नाम पिन्की देवी पत्नी लालमन यादव, संजय कुमार जयसवाल पुत्र शारदा प्रसाद, पूनम सिंह पत्नी धर्मेन्द्र सिंह, संगीता देवी पत्नी जगदीश चौहान, अरविन्द्र यादव पुत्र विश्वनाथ यादव, विकाऊ प्रसाद पुत्र बजरंगी प्रसाद, राणी देवी पत्नी विरेन्द्र, राजेश वर्मा पुत्र रमाशंकर, मीरा देवी पत्नी शमशेर चौहान, बिन्दा देवी पत्नी शम्भु चौहान, रमेश पाण्डेय पुत्र परमहंस पाण्डेय है।
इन लाभार्थियों को पूर्व में ही विभाग द्वारा तीन नोटिस दी जा चुकी है तथा एक सप्ताह के अन्दर निर्माण कार्य पूर्ण न करने पर इनसे भू-राजस्व की भाँति वसूली की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जायेगी।
लाभार्थियों को बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) निःशुल्क है और आवास की धनराशि का उपयोग केवल आवास निर्माण में ही किया जाये तथा प्रत्येक आवास में शौचालय का निर्माण आवश्यक है किसी भी दलाल को कोई भी धनराशि नही दिया जाना है।
निरीक्षण के समय सी०एल०टी०सी० इंजीनियर प्रभात कुमार सर्वेयर एवं डी०सी० धनन्जय कुमार मल्ल, जे०ई०, सर्वेयर भी उपस्थित थे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."