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November 23, 2024 6:17 am

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बड़े शातिर हैं ये डाक्टर दंपति ; कोख चुराकर ऐसे बेच दिया करते थे कि पढ़कर आप सन्न रह जाएंगे

11 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

मथुरा।  स्टेशन से चोरी बच्चे को भाजपा पार्षद के यहां से बरामद करने के बाद पुलिस को मानव तस्करी के गैंग के खुलासे में सफलता मिली है। बच्चा चोरी कर उनकी खरीद फरोख्त करने के आरोप में हाथरस के बांके बिहारी हास्पिटल के संचालक चिकित्सक दंपत्ति को गिरफ्तार किया गया है। यह दंपत्ति मानव तस्करी में लिप्त थे। पूछताछ में चिकित्सक दम्पत्ति ने कई अहम राज उगले हैं। 

एसपी रेलवे मो. मुशताक अहमद ने बताया कि बच्चा चोरी करने वाले गिरोह के सरगना हाथरस निवासी बाँके बिहारी हॉस्पिटल के संचालक डाक्टर दम्पत्ति हैं। दोनों बच्चा चोरी करने से लेकर उन्हें  बेचने का सुसंगठित गिरोह चलाते हैं, जिसमें गैंग के कुछ लोग बच्चे चोरी करते हैं तथा कुछ लोग निसंतान दम्पत्ति या बच्चा चाहने वाले ग्राहकों को तलाशने का काम करते थे। 

बच्चा चाहने वालों की तलाश पूरी होते ही बच्चा चुराने वाले लोग सक्रिय कर दिये जाते थे। खरीदार की हैसियत के मुताबिक बच्चे की रकम तय की जाती थी। गिरोह के सरगना ने कई अहम राज उगले हैं। गिरोह में शामिल कई अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आए हैं। उनकी तलाश के लिए टीमों को लगाया गया है। शीघ्र ही गिरोह के दूसरे सदस्यों को गिरफ्तार किया जाएगा। 

दो लाख में हुआ था मासूम का सौदा

मथुरा जंक्शन से चोरी हुए सात माह के संजय का सौदा बच्चा चोर गिरोह ने दो लाख रुपये में किया था। इसमें से 1 लाख 80 हजार रुपये की रकम गिरोह को मिल गई थी। शेष रकम कुछ दिन बाद दिए जाने की बात तय हुई थी लेकिन उससे पूर्व ही पुलिस बच्चा खरीदने के वाले के घर पहुंच गई।

गिरफ्तार लोगों के कब्जे से जीआरपी की टीम ने 85 हजार रुपये भी बरामद किए हैं। एसपी रेलवे मो. मुशताक ने बताया कि बच्चे का सौदा दो लाख रुपये में हुआ था।

ग्राहकों की तलाश करती थीं आशा बहुएं और एएनएम

मानव तस्करी का गिरोह चलाने वाले डाक्टर दम्पत्ति ने गिरोह में शामिल लोगों को जिम्मेदारी बांटी हुई थीं। डाक्टर दम्पत्ति के गिरोह में शामिल आशा बहुएं और एएनएम को बच्चा चाहने वालों की तलाश करने की जिम्मेदारी दी हुई थी।

आशा बहुएं और एएनएम ग्राहक तलाश कर उससे एडवांस रकम लेकर डाक्टर दम्पत्ति को डिमांड नोट करा देती थीं। इसके बाद डाक्टर दम्पत्ति बच्चा चोरी करने वालों को काम पर लगा देते। बच्चा मिलते ही ग्राहक को बता दिया जाता और फर्जी दम्पत्ति के माध्यम से ग्राहक को बच्चा दे दिया जाता था। 

पार्षद ने पहले भी खरीदा था बच्चा, अस्वस्थ होने पर कर दिया वापस

मथुरा। फिरोजाबाद की पार्षद ने हाथरस के चिकित्सक दम्पत्ति से करीब 15 दिन पूर्व भी एक तीन दिन का बच्चा खरीदा था। यह बच्चा बीमार हो गया तो पार्षद ने इस बच्चे को वापस चिकित्सक दम्पत्ति को दे दिया था और स्वस्थ्य बच्चे की डिमांड की।

जीआरपी प्रभारी निरीक्षक सुशील कुमार ने बताया कि डाक्टर दम्पत्ति ने पार्षद को आश्वस्त किया कि वह कुछ ही दिन में उन्हें स्वस्थय बच्चा दे देंगे। बाद में डाक्टर दम्पत्ति ने सात माह के संजय को चोरी करा कर उसे पार्षद को सौंप दिया।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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