मिश्रीलाल कोरी की रिपोर्ट
सोनगढा मुतेहरा। भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के अंतिम छोर पर स्थित सोनगढ़ा मुतेहरा गांव के थारू परिवार संपर्क मार्ग जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। सोहेलवा जंगल एवं दुर्गम पहाड़ी नालों से घिरे इस गांव की करीब आठ हजार आबादी को आवागमन में दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है।
यह गांव बरसात के समय टापू की तरह सिमट कर रह जाता है। थारू समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर पथरहवा पहाड़ी नाला पर पुल, दारा नाला पर डिप एवं कच्चे मार्ग पर सीमेंटेड ईंट से इंटरलाकिंग कराए जाने की मांग की है।
सोहेलवा वन्यजीव प्रभाग रामपुर रेंज सीमांत क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2012-13 में पत्रावली का निर्माण करीब 4.86 लाख की लागत से कराया गया था।
प्रधान विश्राम चौधरी, कटेश्वर थारू ने बताया कि डिप पर सिल्ट जमा हो जाने के कारण पथरा हवा नाला में पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। बरसात के समय तेज बहाव के कारण आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाता है।
गांव के लोग गैसड़ी तुलसीपुर पचपेड़वा जैज बालापुर जैसे हाट बाजारों में भी नहीं पहुंच पाते हैं। रोजमर्रा की वस्तुओं की खरीदारी न हो पाने के कारण आज भी तीन माह तक लोग गांव में सिमट कर रह जाते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल खराब है। गांव में एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है। वजह, पहाड़ी दारा नाला पार करने के बाद घने जंगल में करीब चार किलोमीटर कच्चा मार्ग पड़ता है, जिस पर पैदल चलना भी दुश्वार है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों व गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने में होती है।
ग्रामीणों ने पूर्व विधायक शैलेश कुमार सिंह शैलू के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर समस्या के निराकरण की मांग की है।
Author: samachar
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