दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
फतेहपुर, यूपी एटीएस ने जिस आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला काे कानपुर से पकड़ा है, उसका परिवार 25 साल पहले बिहार से फतेहपुर आ गया था। सैयदवाड़ा मोहल्ले में मदरसा इस्लामिया में शिक्षक पिता उसे भी शिक्षक बनाना चाहते थे लेकिन वह छोटे बच्चों का ब्रेनवाश करने लगा था।
मूलरूप से बिहार के मोतिहारी जिले के रामगड़वा गांव के रहने वाले जफरूल इस्लाम 25 साल पहले परिवार लेकर फतेहपुर के सैयदवाड़ा मोहल्ला आ गए थे। वह यहां पर मदरसा इस्लामिया बिल्डिंग में किराये पर रहने लगे और मदरसा में शिक्षक हो गए। उनके चार बेटों में सैफुल्ला तीसरे नंबर का है और उसका जन्म भी यहीं पर हुआ। रविवार को जब मोहल्ले के लोगों को पता चला कि सैफुल्ला आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य है तो सन्न रह गए।
पिता जफरूल इस्लाम ने बताया कि सैफुल्ला को आलिम की पढ़ाई पूरी कराने के बाद के बाद मदरसे का शिक्षक बनाना चाहते थे। हाफिज की पढ़ाई बाद आलिम की दीनी शिक्षा के लिए वर्ष 2018 में उसका दाखिला इटावा में कराया लेकिन उसने पढ़ाई छोड़ दी। प्रतापगढ़ जिला के मदरसा में उसका दाखिला कराया लेकिन वहां से भी उसने पढ़ाई छोड़ दी।
जफरूल ने बताया कि सैफुल्ला का पढ़ाई में मन नहीं लगा। इसके बाद उसकी संदिग्ध गतिविधियों पर संदेह हुआ और मई 2022 को उसे घर से निकाल दिया। तबसे वह इधर उधर घूमा करता था। तीन दिन पहले नई बस्ती ईदगाह के कुछ लोगों ने फोन पर बताया था कि सादे कपड़ों में कुछ लोग उसे पकड़ ले गए हैं।
पुलिस जुटा रही जानकारी : उन्होंने बताया कि रविवार सुबह सवा सात बजे लखनऊ से फोन आने पर एटीएस द्वारा उसे कानपुर से पकड़े जाने की सूचना मिली। कोतवाली इंस्पेक्टर अमित कुमार मिश्र ने बताया कि सैफुल्ला के स्वजन से जानकारी जुटाकर उच्चाधिकारियों को दी गई है।
छोटे बच्चों का करता था ब्रेनवाश : हाफिज की तालीम पूरी होने के बाद वह जिले के कुछ मदरसों में छोटे बच्चों को दीनी तालीम देता था। बताते हैं कि वह दीनी तालीमी के नाम पर छोटे बच्चों का ब्रेनवाश भी करता था। वहीं वीडियो दिखाकर उन्हें प्रेरित करता था।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."