परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली, द्रौपदी मुर्मू ने देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला हैं जो राष्ट्रपति बनीं। द्रौपदी मुर्मू को संसद के सेंट्रल हाल में शपथ दिलाई गई। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।
मुर्मू आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की शख्सियत हैं। प्रतिभा पाटिल के बाद मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि शपथ ग्रहण के बाद मुर्मू को 21 तोपों की सलामी दी जाएगी।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सरकार के प्रमुख अधिकारी समारोह में शामिल हैं।
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पीएम समेत शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए ये लोग
संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह से पहले, निवर्तमान राष्ट्रपति और निर्वाचित राष्ट्रपति संसद पहुंचे। उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संसद सदस्य आदि समारोह में शामिल हुए।
पिछड़े और आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे: मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा,”मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं। मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है।”
राष्ट्रपति बोलीं- छोटे से गांव से आती हूं मैं
मैं छोटे से गांव से आती हूं और वहां प्राथमिक शिक्षा हासिल करना भी कठिन है। मैं इस स्तर तक शिक्षा पाने वाली पहली व्यक्ति हूं। राष्ट्रपति के रूप में मेरा चुना जाना केवल मेरी उपलब्धि नहीं है, बल्कि देश के सभी लोगों की उपलब्धि है, जो वे इस स्तर तक पहुंचने का सपना देख सकते हैं।
सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “जोहार! नमस्कार! मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं। आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।”
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."