आर के मिश्रा की रिपोर्ट
गोंडा। जिला अस्पताल बाबू ईश्वरशरण चिकित्सालय में जीआरपी का एक सिपाही दवा वितरण कर रहे फरमासिष्ट को खिड़की से ही अंदर हाथ डाल कर घूंसा जड़कर भागने लगा।
फार्मासिस्ट के शोर मचाने पर दवा ले रहे लोग चोर समझकर अस्पताल के बाहर से पकड़ लाई। और उसकी जमकर धुनाई कर दी, खींचा खींची में उसके कपड़े तक फट गये। हल्ला गुहार व भीड़ देख अस्पताल में मौजूद दरोगा व सिपाहियों ने पहुंच कर बीच बचाव कराते हुए प्रमुख अधीक्षक कार्यालय पहुंची जहां सुलह समझौता कराने के पश्चात छोड़ दिया गया।
प्राप्त जानकारी कर अनुसार जीआरपी थाने में तैनात सिपाही इंद्रेश गौड़ जिला अस्पताल में दवा लेने १६ नंबर खिड़की पर गया।जहाँ पर फार्मासिस्ट उमाकांत त्रिपाठी दवा का वितरण कर रहे थे,सिपाही ने उनसे एक छोटी पर्ची देते हुए दवा की मांग की। फार्मासिस्ट ने उससे अस्पताल का पर्चा साथ में देने को कहा,इस पर उसने बताया कि बड़ा पर्चा सीएमओ कार्यालय पर है, जवाब मे फार्मासिस्ट ने बिना पर्चे के दवा देने से मना कर दिया। फिर किस इतनी बात पर उसने खिड़की के अंदर हाथ डाल कर उन्हे एक घूंसा जड़ दिया और भागने लगा।उसे पकड़कर प्रमुख अधीक्षक कार्यालय ले गए जहां अधीक्षक डॉक्टर इंदुबाला की मौजूदगी में दोनो पक्षों के बीच लिखा पढ़ी कर आपस में सुलह समझौता करवाते हुए मामला शांत हुआ।
इस बावत प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर इंदुबाला का कहना है कि जब यह पता चला कि वह एक सिपाही है तो सॉफ्ट रुख अपनाते हुए उसे सुलह समझौता के आधार पर लिखवा कर छोड़ दिया गया है। अगर वह कोई अन्य व्यक्ति होता तो सरकारी कार्य में बाधा एवम कर्मचारी के साथ मार पीट करने पर उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाती।
Author: samachar
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